Inkhabar Haryana, Ekta Tiwari Statement on Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकी हमले में 28 निर्दोष नागरिकों की हत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। अब इस हमले से जुड़ी एक सनसनीखेज जानकारी सामने आई है। उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले की रहने वाली एकता तिवारी ने हमले के पीछे की साजिश को लेकर ऐसा खुलासा किया है, जिसने जांच एजेंसियों को भी सतर्क कर दिया है।
क्या कहा एकता तिवारी ने?
एकता तिवारी के मुताबिक, वह उस समय एक धार्मिक जत्थे के साथ पहलगाम में मौजूद थीं। वहीं उन्होंने कुछ संदिग्ध गतिविधियों को नजदीक से देखा और महसूस किया। उन्होंने दावा किया कि जांच एजेंसियों द्वारा जारी किए गए तीन संदिग्धों के स्केच में से दो की पहचान जत्थे के सदस्यों ने मौके पर ही कर ली थी। एकता का कहना है कि उन्होंने तत्काल उत्तर प्रदेश सरकार की 1076 हेल्पलाइन पर इस संबंध में सूचना दी, लेकिन उनकी शिकायत पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
आतंकियों के बीच प्लान A और B की चर्चा
सबसे सनसनीखेज दावा करते हुए एकता ने बताया कि उन्होंने करीब 20-22 वर्ष के एक संदिग्ध को देखा, जिसके जूते में एक मोबाइल फोन छिपा हुआ था। वह आतंकी लगातार किसी से संपर्क कर रहा था और बातचीत के दौरान उसने कहा कि प्लान A फेल हो गया है, अब प्लान B पर काम करना है… ब्रेक फेल हो गया है। यह बातचीत सुनकर एकता को हमले की गहरी साजिश का अंदेशा हुआ। इसके अलावा, उन्होंने एक अन्य संदिग्ध को यह कहते सुना कि 35 बंदूकें झाड़ियों में छिपाई गई हैं, एक लड़का ऊपर मिलेगा जो बंदूकें देगा। इन बयानों ने साफ कर दिया कि हमला पूरी तरह सुनियोजित था और इसकी गहरी प्लानिंग की गई थी।
धर्म और जाति पूछने पर गहरा संदेह
एकता तिवारी ने यह भी खुलासा किया कि आतंकियों ने मौके पर मौजूद कई लोगों से उनकी जाति और धर्म के बारे में सवाल पूछे। उनसे भी बार-बार पूछा गया कि क्या आप हिंदू हैं?, क्या आप कुरान पढ़ती हैं? इस व्यवहार को देखकर उन्होंने आशंका जताई कि हमले से पहले यात्रियों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए आतंकी अलग-अलग तरीके अपना रहे थे।
अमरनाथ यात्रा के नाम पर चालाकी
इतना ही नहीं, एकता ने बताया कि आतंकियों ने अमरनाथ यात्रा को लेकर भी उनसे बातचीत की। जब एकता ने कहा कि वह दर्शन के लिए नहीं आई हैं, तो आतंकियों ने उन्हें बिना पास के दर्शन कराने की पेशकश की। हालांकि जब एकता ने उनसे संपर्क नंबर मांगा, तो उन्होंने देने से इनकार कर दिया। इससे भी उनके इरादों पर शक और गहरा हो गया। एकता तिवारी के बयान को बेहद गंभीरता से लेते हुए जांच एजेंसियों ने मामले की जांच तेज कर दी है। अगर एकता के दावे सच साबित होते हैं, तो यह हमला सिर्फ एक आतंकी वारदात नहीं, बल्कि एक बड़े और सुनियोजित साजिश का हिस्सा माना जाएगा।