Inkhabar Haryana, Farmer Problem: जींद की नई अनाज मंडी में पिछले एक महीने से 14,000 क्विंटल पीआर धान की लिफ्टिंग नहीं हो पाई है, जिससे मंडी में काम करने वाले आढ़तियों और किसानों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। इस समस्या के समाधान के लिए आढ़तियों ने शुक्रवार को डीसी मोहम्मद इमरान रजा से मुलाकात की और लिफ्टिंग की जल्द से जल्द व्यवस्था करने की अपील की। डीसी ने उन्हें आश्वासन दिया कि इस समस्या का समाधान एक-दो दिन में कर दिया जाएगा।
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जींद के रोहतक रोड स्थित नई अनाज मंडी में इस समय धान की आवक तेज़ी से हो रही है, लेकिन लिफ्टिंग नहीं होने के कारण मंडी में धान रखने के लिए जगह की गंभीर कमी हो गई है। सरकारी खरीद एजेंसी हैफेड द्वारा अक्टूबर में पीआर धान की 14,000 क्विंटल से अधिक खरीद की गई थी, लेकिन लिफ्टिंग की प्रक्रिया अभी तक पूरी नहीं हो पाई है। इससे मंडी में न तो धान डालने की जगह बची है और न ही किसानों को उनके बकाए पैसे मिल रहे हैं।
धान की बिक्री के बाद किसानों को भुगतान तभी किया जाता है जब उनकी खरीदी गई धान मंडी से लिफ्ट हो जाती है। लिफ्टिंग के बिना किसानों के खाते में पैसे जमा नहीं होते और इस समय जब किसानों को गेहूं की बिजाई के लिए खाद और बीज खरीदने की आवश्यकता है। वे पैसे के बिना मुश्किल में हैं।
मंडी के आढ़तियों के पास भी कई समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं। जब तक लिफ्टिंग नहीं होती, आढ़तियों के पास पैसे नहीं पहुंचेगें, जिससे वे हैफेड से भुगतान की मांग करने में परेशान हैं। साथ ही किसानों के दबाव का भी सामना करना पड़ रहा है, जो अपनी फसल का भुगतान जल्द से जल्द प्राप्त करना चाहते हैं।
फूड ग्रेन डीलर वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान सुशील सिहाग की अगुआई में मंडी के आढ़तियों ने डीसी मोहम्मद इमरान रजा से मुलाकात की। उन्होंने डीसी से आग्रह किया कि यदि लिफ्टिंग की प्रक्रिया जल्दी शुरू नहीं हुई, तो मंडी में धान रखने के लिए कोई स्थान नहीं बचेगा और किसानों का भुगतान भी लंबित रहेगा। डीसी ने आढ़तियों को आश्वासन दिया कि उनकी समस्याओं का समाधान जल्द ही किया जाएगा और एक-दो दिन में लिफ्टिंग की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
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