Inkhabar Haryana, Farmer Protest: हरियाणा के सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने खनौरी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों का समर्थन करते हुए उनकी मांगों को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। हुड्डा ने कहा कि सरकार को किसानों के साथ 9 दिसंबर 2021 को हुए समझौते का सम्मान करना चाहिए और MSP की कानूनी गारंटी सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्होंने सरकार से अपील की कि वह अनशन पर बैठे किसान नेता सरदार जगजीत सिंह डल्लेवाल की गंभीर स्वास्थ्य स्थिति को ध्यान में रखते हुए जल्द से जल्द समाधान निकाले।
सांसद दीपेंद्र हुड्डा के साथ तीन सांसद—जयप्रकाश ‘जेपी’, सतपाल ब्रह्मचारी और वरुण चौधरी—साथ ही सात विधायक, जिनमें अशोक अरोड़ा, रामकरण काला, नरेश सेलवाल, इंदुराज नरवाल, जस्सी पेटवाड़, देवेंद्र हंस और विकास सहारण शामिल थे, खनौरी बॉर्डर पहुंचे। इनके अलावा, दो पूर्व विधायक मेवा सिंह और रामभज लोधर भी किसानों के समर्थन में उपस्थित रहे।
किसानों के समर्थन में सांसद दीपेंद्र हुड्डा
सरकार पर वायदाखिलाफी का आरोप
सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि 9 दिसंबर 2021 को किसान आंदोलन के दौरान सरकार और किसान संगठनों के बीच हुए समझौते के तहत एमएसपी की कानूनी गारंटी का वादा किया गया था। लेकिन दो साल बीत जाने के बावजूद सरकार ने इस वादे को पूरा नहीं किया है। उन्होंने इसे किसानों के साथ विश्वासघात बताया और कहा कि इससे किसानों में असंतोष बढ़ रहा है।
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डल्लेवाल की स्थिति पर चिंता
हुड्डा ने अनशन पर बैठे सरदार जगजीत सिंह डल्लेवाल की बिगड़ती स्थिति पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि डल्लेवाल जी की हालत बेहद गंभीर है। सरकार को तुरंत उनकी मांगें मानकर अनशन खत्म कराने के प्रयास करने चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि पिछली बार किसान आंदोलन के दौरान केंद्र सरकार की जिद के चलते 750 किसानों ने अपनी जान गंवाई थी।
एमएसपी कानून की मांग
हुड्डा ने सरकार से एमएसपी की गारंटी देने का कानून बनाने की मांग करते हुए कहा कि यह किसानों की आजीविका सुरक्षित करने का एकमात्र तरीका है। उन्होंने सरकार से पूछा कि यदि 101 किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली आना चाहते हैं तो इसमें सरकार को क्या आपत्ति हो सकती है? क्या किसानों को अपनी बात कहने का अधिकार भी नहीं है?
सरकार को हठधर्मिता छोड़ने की सलाह
दीपेंद्र हुड्डा ने सरकार को हठधर्मिता छोड़कर किसानों की मांगों को स्वीकार करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि किसानों ने अपने हक के लिए पहले भी लंबा संघर्ष किया है और अगर सरकार समय रहते समाधान नहीं निकालेगी तो आंदोलन और तेज होगा।