Inkhabar Haryana, Farmer Protest: शंभु और खन्नौरी बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन को 1 साल पूरा हो गया है। गुरुवार को चंडीगढ़ में संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा की बैठक हुई, जिसमें एकता की राह की तरफ एक और कदम बढ़ाया गया। आंदोलन की शुरुआत कैसे भी हुई हो लेकिन इसे जीता केवल एकता के दम पर जा सकता है।
बजरंग पुनिया ने सोशल मीडिया पर किया ट्विट
इस बारे में कांग्रेस नेता और पहलवान बजरंग पुनिया ने अपने सोशल मीडिया X पर ट्विट किया है कि बीते एक साल में किसानों ने न सिर्फ प्रशासन की लाठियों और आंसू गैस का सामना किया, बल्कि हर उस रणनीति का भी मुकाबला किया जो इस आंदोलन को तोड़ने के लिए अपनाई गई। सरकार ने अलग-अलग हथकंडे अपनाए, लेकिन किसान मोर्चे पर डटे रहे। उनका हौसला तब भी नहीं टूटा जब इस संघर्ष के दौरान कई किसान शहीद हो गए। सबसे दुखद घटना युवा किसान शुभकरण की थी, जिसकी स्नाइपर से निशाना लगाकर हत्या कर दी गई। लेकिन इस आंदोलन ने हर मुश्किल के साथ खुद को और मजबूत किया।
एकता ही जीत की कुंजी
बीते एक साल में यह स्पष्ट हो गया है कि किसानों की एकता ही उनकी सबसे बड़ी ताकत है। 13 फरवरी 2025 को चंडीगढ़ में संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा की बैठक हुई, जिसमें आंदोलन को मजबूत करने और आगे की रणनीति तय करने पर चर्चा हुई। बैठक में यह संदेश दिया गया कि चाहे कितनी भी बाधाएं आएं, इस संघर्ष को केवल एकजुटता से ही जीता जा सकता है।
शंभु और खन्नौरी बॉर्डर सिर्फ विरोध स्थलों तक सीमित नहीं रहे, बल्कि वे पूरे देश के किसानों के लिए प्रेरणा बन चुके हैं। यह आंदोलन इस बात का प्रतीक है कि जब किसान अपने हक के लिए एकजुट होते हैं, तो दुनिया की कोई भी ताकत उन्हें कमजोर नहीं कर सकती। किसानों की यह जिम्मेदारी बनती है कि वे इस आंदोलन को कमजोर न होने दें और संघर्ष को पूरी मजबूती से जारी रखें।