Advertisement
Advertisement
होम / Fatehabad News: रात्रि प्रवास कार्यक्रम में ग्रामीणों की 41 समस्याएं, नदारद अफसरों पर डीसी का गुस्सा

Fatehabad News: रात्रि प्रवास कार्यक्रम में ग्रामीणों की 41 समस्याएं, नदारद अफसरों पर डीसी का गुस्सा

BY: • LAST UPDATED : March 5, 2025
Inkhabar Haryana, Fatehabad News: फतेहाबाद के गांव ढाणी ढाका और ढाणी ईस्सर में प्रशासन द्वारा रात्रि प्रवास कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में फतेहाबाद की डिप्टी कमिश्नर (डीसी) मनदीप कौर और पुलिस अधीक्षक (एसपी) आस्था मोदी अधिकारियों की टीम के साथ पहुंचीं। देर रात तक चली इस बैठक में ग्रामीणों ने अपनी 41 समस्याएं और मांगें प्रशासन के सामने रखीं, जिनके समाधान का आश्वासन दिया गया।

ग्रामीणों की समस्याएं और प्रशासन की प्रतिक्रिया

रात्रि प्रवास कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ग्रामीणों की समस्याओं को मौके पर सुनकर उनका समाधान निकालना था। बैठक में ग्रामीणों ने पीने के पानी की गुणवत्ता, सड़कें, बिजली, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी परेशानियों को प्रमुखता से उठाया। प्रशासन ने सभी समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए जल्द से जल्द समाधान का आश्वासन दिया।

डीसी का नदारद अधिकारियों पर गुस्सा

बैठक में जन स्वास्थ्य विभाग के एक्सईएन और एसडीओ की गैर-मौजूदगी से डीसी नाराज हो गईं। उन्होंने अधिकारियों की अनुपस्थिति पर सख्त लहजे में नाराजगी जताते हुए कहा कि तुम्हें मैं बताती हूं कि कैसे मीटिंग में वही आना!डीसी ने स्पष्ट किया कि इस तरह की बैठकों में संबंधित अधिकारियों की उपस्थिति अनिवार्य है, ताकि समस्याओं का तत्काल समाधान किया जा सके।

Advertisement

गांव में दूषित पानी की आपूर्ति पर फटकार

ग्रामीणों ने शिकायत की कि गांव के ट्यूबवेल से सप्लाई हो रहे पानी में टीडीएस (टोटल डिजॉल्व्ड सॉलिड्स) की मात्रा अधिक है, जिससे लोगों को दूषित पानी पीने को मजबूर होना पड़ रहा है। इस गंभीर समस्या को सुनते ही डीसी ने मौके पर ही जन स्वास्थ्य विभाग के जेई (जूनियर इंजीनियर) को फटकार लगाई और जल्द से जल्द स्वच्छ पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

प्रशासन का आश्वासन

डीसी और एसपी ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि उनकी समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर हल किया जाएगा। इस रात्रि प्रवास कार्यक्रम का मकसद न केवल ग्रामीणों की परेशानियों को सुनना था, बल्कि प्रशासन को जमीनी हकीकत से अवगत कराना भी था, जिससे सुधारात्मक कदम उठाए जा सकें।