Inkhabar Haryana, Firecrackers Ban in Haryana: हरियाणा के भिवानी में पर्यावरण को सुरक्षित रखने और वायु प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए जिला प्रशासन ने जिले में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लागू कर दिया है। यह निर्णय विशेष रूप से त्योहारों, शादियों और अन्य आयोजनों के दौरान पटाखों के बढ़ते उपयोग और उसके दुष्परिणामों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। प्रशासन का यह कदम न केवल पर्यावरण के संरक्षण की दिशा में एक सशक्त पहल है, बल्कि नागरिकों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को भी प्राथमिकता देता है।
प्रवर्तन के लिए गठित की गई विशेष टीमें
इस प्रतिबंध को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए उपायुक्त ने जिला एवं ब्लॉक स्तर पर प्रवर्तन टीमें गठित की हैं। इन टीमों में पुलिस विभाग, अग्निशमन सेवा, नगर परिषद, शिक्षा विभाग, उद्योग विभाग, खनन विभाग तथा हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी शामिल किए गए हैं। इन टीमों को यह निर्देश दिया गया है कि वे जिले में किसी भी स्थान पर अवैध रूप से रखे या बेचे जा रहे पटाखों की तुरंत जब्ती करें।
जब्ती और कानूनी प्रक्रिया
प्रवर्तन टीमें न केवल अवैध पटाखों की जब्ती करेंगी, बल्कि उससे संबंधित विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर नियमानुसार उसका निस्तारण भी करेंगी। प्रशासन ने यह स्पष्ट किया है कि जो भी व्यक्ति या संस्थान इस प्रतिबंध का उल्लंघन करते हुए पाया जाएगा, उनके खिलाफ Explosives Act की धारा 9B एवं 10 के तहत सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस कानून के अंतर्गत दोषियों को जेल और जुर्माने दोनों का सामना करना पड़ सकता है।
जन-जागरूकता अभियान
सिर्फ दंडात्मक कार्रवाई ही नहीं, बल्कि जिला प्रशासन ने जन-जागरूकता को भी प्राथमिकता दी है। लोगों को पटाखों के दुष्प्रभावों और प्रतिबंध के कारणों की जानकारी देने के लिए व्यापक स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है। इसके अंतर्गत पोस्टर, पंपलेट, समाचार पत्रों, रेडियो, और सोशल मीडिया के माध्यम से लगातार प्रचार किया जा रहा है। प्रशासन का मानना है कि जब तक आम जनता इस प्रतिबंध के पीछे की भावना को नहीं समझेगी, तब तक इसका पूर्ण पालन सुनिश्चित नहीं हो सकता।
स्कूलों और आरडब्ल्यूए की भागीदारी
जन-जागरूकता अभियान को और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए स्कूलों एवं रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों (RWA) को भी इसमें सम्मिलित किया गया है। स्कूलों में विशेष कार्यक्रम, निबंध प्रतियोगिताएं, भाषण और चित्रकला के माध्यम से बच्चों को पटाखों के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक किया जा रहा है। वहीं, आरडब्ल्यूए के माध्यम से समाज के हर वर्ग तक संदेश पहुंचाया जा रहा है कि एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में हमें इस प्रतिबंध का समर्थन करना चाहिए।