बैठक के दौरान चढ़ूनी ने प्रमुख रूप से सरसों की खरीद में देरी का मुद्दा उठाया। उन्होंने बताया कि अब तक हरियाणा में सरसों की खरीद शुरू नहीं हुई है, जिससे किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सरकार ने आश्वासन दिया कि 28 फरवरी से सरसों की खरीद शुरू कर दी जाएगी। इसके अलावा, हरियाणा के कई किसानों पर पुराने मामले दर्ज हैं, जिनको खारिज करने की मांग भी इस बैठक में उठाई गई। सरकार ने इन मामलों की समीक्षा करने का वादा किया है।
गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने केंद्र सरकार के साथ किसान आंदोलन पर जारी वार्ता को लेकर कहा कि सरकार इस आंदोलन को समाप्त करने के मूड में नहीं दिख रही है। केवल बैठकें की जाती हैं और किसानों को टाल दिया जाता है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार चाहे तो किसानों की मांगों को पूरा कर आंदोलन को समाप्त कर सकती है।
25 फरवरी को किसानों की दिल्ली कूच योजना पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि इससे पहले भी कई बार किसान दिल्ली पहुंचने की कोशिश कर चुके हैं, लेकिन हर बार उन्हें रोका गया है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि इस आंदोलन का फायदा किसानों को तो नहीं हुआ लेकिन भाजपा को इसका बहुत फायदा मिल रहा है। भाजपा ने हरियाणा में 48 सीटें जीतकर सरकार बनाई जबकि ऐसा लगता था कि इस बार भाजपा जीत नहीं पाएगी। दिल्ली में भी भाजपा ने सरकार बनाई और पंजाब में भाजपा का वोट बैंक 9% से बढ़कर 18% हो गया । बीजेपी को इसका सबसे ज्यादा फायदा मिल रहा है। इसका कारण यह है कि जो लोग सरकार का विरोध कर रहे हैं उनके विरोधी भाजपा का साथ दे रहे हैं जिससे भाजपा को फायदा हो रहा है।