ED की जांच के मुताबिक, वाटिका ग्रुप ने 600 से अधिक निवेशकों को उनके कमर्शियल प्रोजेक्ट्स में निवेश करने के लिए एश्योर्ड रिटर्न का वादा किया था। कंपनी ने निवेशकों को अपनी भविष्य की परियोजनाओं में उच्च रिटर्न का लालच देकर निवेश के लिए प्रेरित किया। इस योजना में निर्माण के दौरान सुनिश्चित भुगतान और प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद लीज-रेंट रिटर्न शामिल थे।
यह कार्रवाई 2021 में आर्थिक अपराध शाखा, दिल्ली द्वारा वाटिका लिमिटेड, इसके प्रमोटरों अनिल भल्ला और गौतम भल्ला सहित अन्य के खिलाफ दर्ज कई एफआईआर के बाद शुरू हुई। इन FIR में कंपनी पर आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, और निवेशकों एवं घर खरीदने वालों को बेईमानी से लुभाने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए।
अक्टूबर 2023 में, ED ने दिल्ली और गुरुग्राम समेत 15 स्थानों पर छापेमारी की। इस दौरान निवेश से जुड़े दस्तावेज, फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस से लिए गए लोन के कागजात, और डिजिटल उपकरण जैसे पेन ड्राइव, हार्ड डिस्क, लैपटॉप और मोबाइल फोन जब्त किए गए। इन दस्तावेजों और डिजिटल सबूतों से यह पता चला कि कंपनी ने निवेशकों के करोड़ों रुपये को अन्य प्रोजेक्ट्स या कंपनियों में डायवर्ट कर दिया।
ED की जांच से यह भी खुलासा हुआ है कि वाटिका लिमिटेड और उसकी सहयोगी कंपनियों ने 2000 से अधिक निवेशकों को ठगा। कंपनी ने निवेशकों से बड़ी रकम जुटाई, लेकिन वादा किए गए समय पर उन्हें रिटर्न नहीं दिया। इसके बजाय, जमा की गई राशि को अन्य प्रोजेक्ट्स में स्थानांतरित कर दिया गया।