ईडी की प्रारंभिक जांच में सामने आया कि माहिरा ग्रुप और उसकी सहयोगी कंपनियों ने गुरुग्राम के सेक्टर 68, सेक्टर 103 और सेक्टर 104 में “अफॉर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट” के नाम पर हजारों घर खरीदारों से 616.41 करोड़ रुपये की राशि जुटाई। हालांकि, वादा किए गए समय सीमा के बाद भी घर खरीदारों को उनके मकान उपलब्ध नहीं कराए गए।
इसके बजाय, ईडी ने पाया कि इस धनराशि का उपयोग निजी लाभ और फर्जी निर्माण खर्चों के लिए किया गया। आरोप है कि माहिरा इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड ने इस धन को व्यक्तिगत खर्चों जैसे आभूषण खरीदने, शादी का आयोजन करने और अन्य विलासितापूर्ण खर्चों में इस्तेमाल किया।
ईडी ने 25 जुलाई 2023 को कई परिसरों पर छापेमारी की थी, जिसमें बड़ी मात्रा में आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए। जांच के दौरान, एजेंसी ने 36 करोड़ 52 लाख रुपये की संपत्तियों को जब्त किया।
मामले के मुख्य आरोपी पूर्व विधायक धर्म सिंह छोक्कर और उनके भतीजे विकास छोक्कर फरार बताए जा रहे हैं। दोनों ही जांच में शामिल नहीं हुए हैं, जिससे उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
माहिरा ग्रुप के अफॉर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट के तहत हजारों घर खरीदारों ने अपनी मेहनत की कमाई से निवेश किया था। हालांकि, इस परियोजना में वादाखिलाफी और धन का दुरुपयोग करके घर खरीदारों के विश्वास को ठेस पहुंचाई गई।
ईडी की इस कार्रवाई ने एक बार फिर रियल एस्टेट क्षेत्र में हो रही धोखाधड़ी को उजागर किया है। पीड़ित घर खरीदार अब न्याय की उम्मीद कर रहे हैं। ईडी की जांच और कानूनी कार्रवाई से यह स्पष्ट है कि इस मामले में दोषियों को जल्द ही न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।