विधानसभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने नवनियुक्त समिति अध्यक्षों को विधायी कार्यों के महत्व और जनता के प्रति उनकी जवाबदेही पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि समितियों को अपने कामकाज को विधान भवन तक सीमित रखने के बजाय प्रदेशभर में चल रही विकास परियोजनाओं का निरीक्षण करना चाहिए। उन्होंने जोर दिया कि समितियों के सदस्य इस कार्य को पूरे मनोयोग और समर्पण के साथ करें ताकि जनता की समस्याओं का समाधान सुनिश्चित हो सके।
कल्याण ने यह भी कहा कि अध्ययन दौरों के बाद तैयार की गई रिपोर्ट विधिवत होनी चाहिए और समितियों को सरकारी खजाने की धनराशि का सदुपयोग सुनिश्चित करने के लिए सतर्क रहना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने सरकारी सिफारिशों पर समयबद्ध कार्यवाही के लिए “एक्शन टेकन रिपोर्ट” मंगवाने पर बल दिया।
अध्यक्ष ने कहा कि समितियों द्वारा किए गए निर्णयों का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए नियमित फॉलोअप करना आवश्यक है। इसके साथ ही उन्होंने विधायकों के प्रति प्रोटोकॉल के पालन पर विशेष ध्यान देने की बात कही।
इस बैठक में विभिन्न समितियों के अध्यक्ष शामिल हुए, जिनमें लोक लेखा समिति के अध्यक्ष आफताब अहमद, लोक उपक्रम समिति के अध्यक्ष राम कुमार गौतम, अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्गों के कल्याण संबंधी समिति के अध्यक्ष भगवान दास, सरकारी आश्वासनों पर समिति के अध्यक्ष भारत भूषण बत्रा, याचिका समिति के अध्यक्ष घनश्याम दास, स्थानीय निकायों और पंचायती राज संस्थाओं संबंधी समिति के अध्यक्ष डिप्टी स्पीकर डॉ. कृष्ण लाल मिड्ढा, जन-स्वास्थ्य और सार्वजनिक निर्माण विषयक समिति के अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह यादव, और शिक्षा एवं विशेषाधिकार समिति के अध्यक्ष मूलचंद शर्मा शामिल थे।