Inkhabar Haryana, Haryana Budget Session 2025: हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के 11वें दिन की कार्यवाही में जमीन आवंटन को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिली। इनेलो विधायक आदित्य देवीलाल ने सरकार पर शिक्षण संस्थानों की भूमि पर वाणिज्यिक गतिविधियों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया और कहा कि बड़े-बड़े बिल्डरों को फायदा पहुंचाने के लिए नीतियों में बदलाव किए जा रहे हैं। इस मुद्दे पर सदन में जमकर सवाल-जवाब हुए, जिसमें कांग्रेस, भाजपा और इनेलो के नेता आमने-सामने नजर आए।
आदित्य देवीलाल ने उठाए सवाल
विधानसभा में बोलते हुए इनेलो विधायक आदित्य देवीलाल ने कहा कि सरकार शिक्षण संस्थानों के लिए आवंटित भूमि को व्यावसायिक संस्थानों को सौंपने की अनुमति दे रही है। उन्होंने सवाल किया कि इन दोनों श्रेणियों की भूमि आवंटन के क्या नियम हैं और किन आधारों पर इन बदलावों को लागू किया गया है?
विपक्ष का हमला
इस पर संसदीय कार्यमंत्री महिपाल ढांडा ने जवाब देते हुए कहा कि सभी जमीनें पारदर्शी तरीके से नीलामी के माध्यम से दी जाती हैं और अब तक ऐसा कोई मामला उनके संज्ञान में नहीं आया है, जिससे किसी को विशेष लाभ हुआ हो। उन्होंने कहा कि यदि किसी तरह की अनियमितता पाई जाती है तो सरकार कठोर कार्रवाई करेगी।
इसके बाद आदित्य देवीलाल ने फिर सवाल उठाया कि मास्टर प्लान में शिक्षण संस्थानों के लिए चिन्हित जमीनें बड़े कॉरपोरेट्स को क्यों बेची जा रही हैं? इस पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि समय के साथ नियमों में बदलाव होते हैं और कई बार स्कूलों की जमीन का उपयोग अन्य जरूरतों के लिए किया जाता है।
गुरुग्राम में जमीन आवंटन पर हंगामा
बहस के दौरान गुरुग्राम में सेक्टर 43 की एक शिक्षण संस्थान की जमीन को डीएलएफ को दिए जाने का मुद्दा भी उठा। इस पर सरकार की ओर से कहा गया कि कांग्रेस शासन में भी इस तरह की नीतियां अपनाई गई थीं और उस दौरान भी बड़े उद्योगपतियों को जमीनें दी गई थीं। इस बयान पर कांग्रेस विधायकों ने हंगामा खड़ा कर दिया।
बहस के दौरान जब आदित्य देवीलाल ने तंज कसते हुए कहा कि सरकार अब “ट्रंप के बेटे” को भी जमीन देने जा रही है, तो स्पीकर हरविंद्र कल्याण ने उन्हें चेतावनी देते हुए कहा कि वे सवाल से न भटकें और विषय पर केंद्रित रहें। इस पर पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सरकार पर सवाल उठाने से पहले आदित्य को अपने ही गिरेबान में झांकना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार अपने हिसाब से नीतियों में बदलाव कर रही है और बड़े बिल्डरों को फायदा पहुंचा रही है।