Inkhabar Haryana, Haryana Municipal Election 2025: कांग्रेस के गुडग़ांव प्रभारी एवं पलवल के पूर्व विधायक करण सिंह दलाल ने हरियाणा के राज्यपाल को शिकायत देकर हरियाणा में नगर निगम चुनाव में चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर आशंका जाहिर की है। उन्होंने कहा है कि हमने उत्तराखंड के चुनाव का उदाहरण देकर मत पत्रों (बैलेट पेपर) से चुनाव कराने का अनुरोध किया था। आयोग ने इसे अस्वीकार कर दिया।
पर्याप्त वीवीपैट मशीनें नहीं
राज्यपाल को दिए गए पत्र में कांग्रेस के गुडग़ांव जिला प्रभारी करण सिंह दलाल ने बताया कि आयोग ने कांग्रेस की मांग को यह कहकर अस्वीकार कर दिया कि उनके पास पर्याप्त वीवीपैट मशीनें नहीं हैं। साथ ही कहा कि अधिनियम में नगर निगम चुनाव में भी ईवीएम के इस्तेमाल का प्रावधान है। करण सिंह दलाल का कहना है कि वर्तमान में देश के अन्य भागों में चुनाव नहीं हो रहे। चुनाव आयोग के पास पर्याप्त ईवीएम उपलब्ध हैं, जहां से राज्य चुनाव आयोग व्यवस्था कर सकता है। यह समझ में नहीं आता कि पर्याप्त वीवीपैट ना होने की बहाना क्यों बनाया जा रहा है। इससे राज्य चुनाव आयोग की मंशा पर संदेह ही होता है।
कानूनी रूप से अनिवार्य वीवीपैट की गणना
करण सिंह दलाल ने कहा कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने हाल ही में दिए गए निर्णयों में एडीआर बनाम ईसीआई एवं अन्य, सुब्रमण्यम स्वामी बनाम ईसीआई एवं अन्य ने कहा है कि चुनाव आयोग को विवाद की स्थिति में कम से कम 5 प्रतिशत का मिलान करने के लिए वीवीपीएटी को सुरक्षित रखना चाहिए। कानूनी रूप से अनिवार्य वीवीपैट की गणना करनी चाहिए। राज्य चुनाव आयोग नगर निगम चुनाव ईवीएम से तो करवा रहा है, लेकिन वीपीपैट नहीं लगा रहा। इससे निष्पक्ष, स्वतंत्र एवं पारदर्शी चुनाव की उम्मीद नहीं की जा सकती।
दलाल ने हरियाणा के राज्यपाल से आग्रह किया
उन्होंने कहा कि राज्य चुनाव आयोग का नेतृत्व हरियाणा राज्य के सेवानिवृत्त आईएएस कर रहे हैं। यह राज्य सरकार की दया पर निर्भर है। इसलिए अंदेशा है कि वह सत्तारूढ़ पार्टी को लाभ पहुंचाने के लिए चुनाव को प्रभावित करने का प्रयास कर सकते हैं। करण सिंह दलाल ने हरियाणा के राज्यपाल से आग्रह किया है कि इस मामले पर गौर करें। वैध कारण बताए बिना मतपत्रों का उपयोग करने के लिए राज्य चुनाव आयोग और अन्य के खिलाफ कार्रवाई शुरू करें।