Inkhabar Haryana, Haryana News: हरियाणा में बढ़ते वायु प्रदूषण के मद्देनजर राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राज्य के शिक्षा विभाग ने जिला उपायुक्तों को आदेश दिया है कि वे 5वीं कक्षा तक के स्कूलों को बंद रखने का निर्णय लें, ताकि बच्चों को प्रदूषण से होने वाले स्वास्थ्य जोखिम से बचाया जा सके।
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट्स और मौसम विभाग की चेतावनियों के बाद शिक्षा विभाग ने यह कदम उठाया है। प्रदूषण के उच्च स्तर को देखते हुए बच्चों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करने के लिए यह फैसला लिया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि छोटे बच्चों के लिए प्रदूषित हवा से श्वसन संबंधी समस्याएं बढ़ सकती हैं, जिससे उनकी सामान्य विकास प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न हो सकती है।
अब राज्य के विभिन्न जिलों के उपायुक्तों को यह अधिकार दिया गया है कि वे अपनी-अपनी जिले में प्रदूषण स्तर के आधार पर स्कूलों को बंद करने का निर्णय लें। अगर किसी जिले में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर तक पहुंचता है, तो वहां के स्कूलों को अस्थायी रूप से बंद किया जा सकता है। यह निर्णय एक सतर्कता उपाय के रूप में लिया गया है, ताकि बच्चों को अस्वास्थ्यकर वातावरण से बचाया जा सके।
हरियाणा के कई शहरों में बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण हाल ही में गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ा है। बच्चों, वृद्धों और असमर्थ व्यक्तियों के लिए इस समय प्रदूषण विशेष रूप से खतरनाक हो सकता है। बच्चों का शारीरिक और श्वसन तंत्र अभी पूरी तरह से विकसित नहीं हुआ होता है, जिससे वे प्रदूषण से ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं। इस स्थिति को देखते हुए शिक्षा विभाग ने तत्काल कदम उठाने का फैसला किया।
शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह कदम बच्चों की सुरक्षा और उनके स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए उठाया गया है। उन्होंने कहा कि जब तक प्रदूषण का स्तर सामान्य नहीं हो जाता, तब तक इस तरह के कदम उठाए जाएंगे। अधिकारियों ने यह भी कहा कि स्कूलों के अधिकारियों को इस बारे में सूचित किया जाएगा, और जिले के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ मिलकर स्थिति का आकलन किया जाएगा।