Inkhabar Haryana, Haryana Water Crisis: हरियाणा के भिवानी जिले में पीने के पानी की समस्या दिनों-दिन गंभीर होती जा रही है। गर्मी के इस मौसम में जहां लोगों को शुद्ध पेयजल की सबसे अधिक आवश्यकता होती है, वहीं शहर के कई इलाकों में नलों से एक बूंद पानी भी नहीं टपक रहा। हालात इतने खराब हो चुके हैं कि कई मोहल्लों के निवासी अब गंदा और खारा पानी पीने को मजबूर हैं, जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है।
स्थानीय लोगों की आवाज बनी जनसंघर्ष समिति
सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र शहर का कोंट रोड है, खासकर गली नंबर 2, 3 और 4, जहां पिछले कई दिनों से पीने के पानी की आपूर्ति पूरी तरह से ठप है। हालाँकि विभाग की ओर से दिन में कुछ समय के लिए पानी छोड़ा जाता है, लेकिन उसका दबाव इतना कम होता है कि वह घरों तक नहीं पहुंच पाता। इन समस्याओं से त्रस्त होकर स्थानीय लोगों ने भिवानी विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी व जनसंघर्ष समिति के संयोजक कामरेड ओमप्रकाश से संपर्क किया। नागरिकों की शिकायत पर कामरेड ओमप्रकाश स्वयं मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने क्षेत्रवासियों के साथ मिलकर जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के खिलाफ प्रदर्शन किया और पीने के पानी व सीवरेज की समस्या का समाधान निकालने की मांग की।
चार महीने पहले भी उठ चुकी है आवाज
कामरेड ओमप्रकाश ने बताया कि चार महीने पहले इसी क्षेत्र की महिलाओं ने पानी की समस्या को लेकर दादरी रोड पर जाम लगाया था। उस समय उन्होंने विभागीय अधिकारियों से मिलकर मोटी पाइपलाइन डलवाई थी, जिससे पानी की आपूर्ति सुधरने की उम्मीद थी। लेकिन पर्याप्त प्रैशर न होने के कारण वह प्रयास भी विफल हो गया। परिणामस्वरूप लोग आज भी बर्मे का खारा पानी पीने को विवश हैं, जिससे कई लोग बीमार हो रहे हैं।
सीवरेज व्यवस्था भी बदहाल
पानी की समस्या के साथ-साथ सीवरेज व्यवस्था भी पूरी तरह से ठप पड़ी है। गलियों में गंदगी और बदबू का आलम है, जिससे नागरिकों का जीवन दूभर हो चुका है। कामरेड ओमप्रकाश ने इस स्थिति को ‘जनता के मूलभूत अधिकारों का हनन’ करार दिया। कामरेड ओमप्रकाश ने यह भी खुलासा किया कि विभाग के पास न तो पर्याप्त बजट है और न ही ठेकेदारों को समय पर भुगतान किया जा रहा है। इससे पाइप और अन्य आवश्यक सामग्री की खरीद में देरी हो रही है। अधिकारी भी बजट की कमी का हवाला देकर जिम्मेदारी से बचते नजर आ रहे हैं।