Inkhabar Haryana, Homeguard became Crorepati in Dream11: हरियाणा के नूंह जिले का एक साधारण सा परिवार रातों-रात सुर्खियों में आ गया जब गांव तुसेनी निवासी घनश्याम प्रजापति, जो पेशे से एक होमगार्ड हैं, ने Dream11 पर 4 करोड़ रुपये जीतकर इतिहास रच दिया। महज 39 रुपये में बनाई गई एक फैंटेसी क्रिकेट टीम ने उनके जीवन की दिशा ही बदल दी।
रात को बनाई टीम, सुबह बन गए करोड़पति
घनश्याम प्रजापति इस समय पुन्हाना शहर थाने में होमगार्ड की ड्यूटी पर तैनात हैं। बीते शनिवार शाम लगभग साढ़े सात बजे उन्होंने अपने छोटे भाई के साथ मिलकर Dream11 पर आईपीएल मैच के लिए एक टीम बनाई थी। मैच रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) और चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के बीच खेला गया, जिसमें RCB ने जीत दर्ज की। घनश्याम ने इस मुकाबले के लिए जो टीम बनाई, वह पूरे देश में नंबर 1 रही और उन्होंने 4 करोड़ रुपये की इनामी राशि जीत ली।
सुबह खुली आंखों के साथ खुली किस्मत
जब सुबह घनश्याम ने अपनी Dream11 ऐप चेक की तो वे अवाक रह गए। वे करोड़पति बन चुके थे। खबर सुनते ही घर में खुशी की लहर दौड़ गई। आसपास के लोग भी बधाइयों के साथ उनके घर पहुंचने लगे। उनके चेहरे पर जो चमक थी, वह सालों की मेहनत और संघर्ष का फल दिखा रही थी।
गरीबी से भरे बचपन से करोड़पति बनने तक का सफर
33 वर्षीय घनश्याम एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता मंगतराम एक मेहनती मजदूर हैं, जिन्होंने मिट्टी का कार्य कर अपने 9 बच्चों – 4 बेटे और 5 बेटियों – को पाला। घनश्याम 2015 में हरियाणा पुलिस में होमगार्ड के पद पर भर्ती हुए और तब से सेवा में लगे हैं। उनका परिवार आज भी आर्थिक तंगी से जूझ रहा है।
घनश्याम के तीन बच्चे हैं – बेटा राज, जो 13 साल का है और गांव के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में 7वीं कक्षा में पढ़ता है, और दो बेटियां मोनिका (11) और रिया (10) जो सरकारी स्कूल में पढ़ती हैं। घर के बाकी भाई – रूपचंद, कुंवर पाल और लखन – सभी मजदूरी करते हैं।
अभी भी इंतज़ार में है रकम
घनश्याम ने बताया कि पिछली बार उन्होंने Dream11 पर टीम बनाई थी लेकिन कोई बड़ी सफलता नहीं मिली। इस बार उन्होंने दोबारा प्रयास किया और किस्मत ने उनका साथ दे दिया। हालांकि अब तक जीती गई राशि उनके बैंक खाते में नहीं आई है; वह फिलहाल Dream11 की एप्लिकेशन में ही है, लेकिन उनके चेहरे की मुस्कान और परिवार की उम्मीदें यह बता रही हैं कि अब उनका जीवन पहले जैसा नहीं रहेगा।