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Immigrants Deport from US: अमेरिका में डॉलर कमाने का टूटा सपना, डोंकी रूट से गया कैथल का युवक, 5 महीने बाद हुआ डिपोर्ट

BY: • LAST UPDATED : February 18, 2025

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Inkhabar Haryana, Immigrants Deport from US: कैथल के गांव स्योमाजरा के मनदीप सिंह का सपना था कि वह अमेरिका जाकर डॉलर कमाए और अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारे, लेकिन यह सपना डोंकी रूट की दुश्वारियों और डिपोर्टेशन की हकीकत के आगे चकनाचूर हो गया। अमेरिका में अवैध रूप से दाखिल होने के बाद उसे अमेरिकी बॉर्डर पुलिस ने पकड़ लिया और पांच महीने की कठिनाइयों के बाद उसे भारत डिपोर्ट कर दिया गया।

घर और जमीन गिरवी रखकर जुटाए थे 44 लाख रुपए

मनदीप के पिता मंगत सिंह ने अपने बेटे को अमेरिका भेजने के लिए एक किल्ला जमीन बेच दी और बाकी बची हुई जमीन को बैंक से गिरवी रखकर कर्ज लिया। इसके अलावा कुछ रकम रिश्तेदारों से उधार ली, जिससे कुल 44 लाख रुपए की राशि एजेंट को दी गई। एजेंट ने 40 दिनों में अमेरिका पहुंचाने का वादा किया था, लेकिन यह सफर पांच महीने लंबा हो गया। मनदीप ने बताया कि उसकी यात्रा 18 सितंबर को दिल्ली से मुंबई जाने से शुरू हुई। इसके बाद उसे मुंबई से गोहाना (दक्षिण अफ्रीका) भेजा गया। वहां से वह ब्राजील, मालवी, पेरू, कोलंबिया और पनामा के खतरनाक जंगलों से होकर गुजरा। अंततः 24 जनवरी को उसने मैक्सिको बॉर्डर पार किया, जहां अमेरिकी पुलिस ने उसे पकड़ लिया।

अमेरिका की नई सरकार के सख्त रुख का पड़ा असर

मनदीप का कहना है कि अमेरिका में सरकार बदलने के बाद प्रवासियों पर कड़ी कार्रवाई शुरू हो गई। इसी का खामियाजा उसे भुगतना पड़ा और 13 फरवरी को उसे डिपोर्ट कर दिया गया। इस दौरान न सिर्फ उसकी सारी जमा पूंजी खत्म हो गई, बल्कि पासपोर्ट भी पांच साल के लिए खराब हो गया। मनदीप और अन्य डिपोर्ट हुए भारतीयों को हथकड़ियों में अमृतसर एयरपोर्ट लाया गया। वहां से अंबाला पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया और फिर कैथल पुलिस को सौंप दिया। अंततः गुहला थाना पुलिस ने मनदीप को उसके परिजनों के हवाले कर दिया।

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एजेंट के खिलाफ हो कार्रवाई

घर लौटने के बाद मनदीप और उसके परिवार का सपना पूरी तरह टूट चुका है। न सिर्फ पैसा डूब गया, बल्कि जमीन भी हाथ से निकल गई। अब परिवार चाहता है कि सरकार धोखेबाज एजेंटों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे, ताकि भविष्य में कोई और इस तरह ठगी का शिकार न हो।