Inkhabar Haryana, Karnal News: हरियाणा के करनाल के राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान (NDRI) आयोजित डेयरी किसान मेले में एक अनोखी चीज लोगों का ध्यान आकर्षित कर रही है। यह नायब चीज मशरुम की बनी जलेबी और पकौड़े है। जी हां सही पढ़ा अपने यह मशरुम के बने जलेबी और पकौड़े के स्टॉल भिवानी के रहने वाले प्रगतिशील किसान दंपति ने लगाया हैं। यह जलेबी 600 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेची जा रही है और खास बात यह है कि यह स्वादिष्ट होने के साथ-साथ सेहत के लिए भी फायदेमंद मानी जाती है।
मशरूम से जलेबी बनाने की अनोखी सोच
बता दें कि, अशोक और सुनीता पिछले 21 सालों से मशरूम उत्पादन में सक्रिय हैं और अब तक 100 से अधिक उत्पाद बना चुके हैं। उन्होंने बताया कि जब शुरुआती दिनों में मशरूम को बेचने में कठिनाई हुई, तो उन्होंने इसे नए तरीके से उपयोग करने के बारे में सोचा। इसी दौरान उन्होंने मशरूम से जलेबी, बिस्किट, पकौड़े और अन्य व्यंजन बनाने शुरू किए, जो लोगों को बेहद पसंद आए। यह जलेबी पारंपरिक मैदे की जलेबी से अलग है क्योंकि इसमें मशरूम और मिलेट्स का इस्तेमाल किया जाता है। यह न सिर्फ स्वाद में लाजवाब होती है बल्कि सेहत के लिए भी फायदेमंद होती है। मेले में आए लोग इस अनोखी जलेबी को चखने के बाद इसकी जमकर तारीफ कर रहे हैं।
भारत के सबसे पुराने मशरूम उत्पादकों में शामिल
अशोक और सुनीता देश के उन चुनिंदा किसानों में शामिल हैं, जिन्होंने मशरूम उत्पादन को एक नया आयाम दिया है। वे आठ प्रकार की मशरूम की खेती करते हैं और उनसे अलग-अलग तरह के उत्पाद बनाते हैं। उनके मुताबिक कि अगर किसानों को बाजार में अच्छे दाम नहीं मिल रहे, तो उन्हें इनोवेटिव तरीकों से अपने उत्पादों को नया स्वरूप देना चाहिए।
मेले में लोगों को खूब भा रही मशरूम की जलेबी
मेले में आई प्रियंका और साक्षी जैसी युवा लड़कियां भी इसे चखने के बाद इसकी तारीफ करती नजर आईं। उन्होंने कहा कि पहली बार मशरूम की जलेबी खाकर एक अलग स्वाद का अनुभव हुआ। अशोक और सुनीता न केवल खुद मशरूम उत्पादन कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं, बल्कि दूसरे किसानों को भी प्रेरित कर रहे हैं कि वे सिर्फ खेती तक सीमित न रहें, बल्कि उत्पादों को तैयार कर बाजार में नई पहचान बनाएं।इस अनोखे प्रयास ने न सिर्फ मेले में हलचल मचा दी है, बल्कि यह दिखा दिया है कि सही सोच और मेहनत से खेती को भी लाभदायक व्यवसाय में बदला जा सकता है।