कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सांसद कार्तिकेय शर्मा ने भगवान परशुराम को केवल एक समाज विशेष के आराध्य न मानते हुए सभी का भगवान बताया। उन्होंने कहा, “हमें भगवान परशुराम की शिक्षा, सोच, और नीति का अनुसरण करना चाहिए और उनके संदेशों को आगे बढ़ाना चाहिए।” उन्होंने लोकतंत्र में जनता की भागीदारी और विधानसभा चुनाव में अधिक मतदान करने पर लोगों का धन्यवाद किया।
सांसद ने बाढ़ड़ा विधायक उमेद पातुवास और अन्य विजयी उम्मीदवारों की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे दृढ़ निश्चय और सेवा भावना के साथ काम कर रहे हैं। उन्होंने वर्तमान सरकार की “सबका साथ, सबका विकास” नीति की सराहना की और ब्राह्मण समाज के ऐतिहासिक योगदान पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि ब्राह्मण समाज ने हमेशा शिक्षा, संस्कृति, और विज्ञान के क्षेत्र में देश को दिशा देने का काम किया है। आज यह हमारी जिम्मेदारी है कि आने वाली पीढ़ियों तक यह ज्ञान और संस्कृति पहुंचे।
सांसद ने कहा कि भारत की 65% आबादी युवाओं की है और उनका भविष्य संवारना सभी का दायित्व है। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार द्वारा युवाओं के स्किल डेवलपमेंट और रोजगार सृजन के लिए किए गए प्रयासों का जिक्र किया।
सांसद ने पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित विनोद शर्मा के योगदान को याद करते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा पिछड़े और कमजोर वर्गों के हितों के लिए काम किया। उन्होंने कहा कि मैं उनके पदचिन्हों पर चलने का प्रयास कर रहा हूं और समाज के लिए उनके अधूरे कार्यों को पूरा करूंगा।
पत्रकारों से बातचीत में सांसद ने किसानों को “अन्नदाता” बताते हुए कहा कि उनकी समस्याओं के समाधान के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने हरियाणा को 24 फसलों पर एमएसपी देने वाला पहला राज्य बताते हुए किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार के प्रयासों की सराहना की है।
बता दें कि, EVM पर कांग्रेस द्वारा उठाए गए सवालों पर सांसद ने कहा कि कांग्रेस अपनी हार का दोष ईवीएम पर मढ़ रही है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जनता का फैसला सर्वोपरि होता है। जब कांग्रेस जीतती है तो ईवीएम सही होती है, लेकिन हारने पर दोषारोपण किया जाता है। उन्होंने कांग्रेस को अपनी आंतरिक कलह सुलझाने की सलाह देते हुए कहा कि संगठन को मजबूत करना उनकी प्राथमिकता होनी चाहिए।
कार्यक्रम के अंत में सांसद ने स्कूल के छात्रों को दिल्ली में संसद की कार्यवाही देखने का निमंत्रण दिया, ताकि वे जान सकें कि देश की संसद कैसे काम करती है। उन्होंने कहा कि आज जब हमारा संविधान 75 वर्ष पूरे कर चुका है, यह आवश्यक है कि युवा पीढ़ी लोकतांत्रिक प्रक्रिया को करीब से समझे।