Inkhabar Haryana, Krishanlal Panwar meet Martyr Dinesh Kumar Family: देश की रक्षा में सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर सपूत शहीद दिनेश कुमार शर्मा को श्रद्धांजलि देने हरियाणा सरकार में पंचायत, विकास और खनन मंत्री कृष्णलाल पंवार रविवार को पलवल जिले के गांव मोहम्मदपुर नंगला पहुंचे। इस अवसर पर उन्होंने शहीद को श्रद्धासुमन अर्पित किए और उनके परिजनों से मुलाकात कर सांत्वना दी।
शहीद के परिवार को 1 करोड़ और सरकारी नौकरी
मंत्री पंवार ने घोषणा की कि राज्य सरकार की ओर से शहीद दिनेश कुमार के परिवार को एक करोड़ रुपये की सहायता राशि दी जाएगी और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि शहीद के सम्मान में जो भी कार्य होने हैं, उन्हें पंचायत विकास विभाग की ओर से ज़मीन उपलब्ध करवा कर पूरा किया जाएगा फिर चाहे वह शहीद स्मारक हो या कोई अन्य परियोजना।
मंत्री ने कहा कि पलवल की धरती पर जन्मे वीर सपूत दिनेश कुमार ने मातृभूमि की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति दी। उन्होंने पाकिस्तान की ओर से हुई गोलीबारी का साहसपूर्वक मुकाबला किया, और यह बलिदान हर भारतवासी के लिए गर्व का विषय है। उन्होंने कहा कि देश को ऐसे जांबाज़ सपूतों पर हमेशा गर्व रहेगा, जिन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना देश की सीमाओं की रक्षा की।
भारत की ताकत को पूरी दुनिया ने देखा
मंत्री कृष्णलाल पंवार ने मौके पर मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि पाकिस्तान द्वारा सीजफायर का उल्लंघन किया गया, जबकि भारत ने हमेशा शांति की पहल की है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारत अब पहले जैसा नहीं रहा कि आज भारत इतना सक्षम है कि अगर कोई दुश्मन देश ईंट फेंकेगा, तो हम पत्थर से जवाब देंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि पाकिस्तान अगर अपनी हरकतों से बाज नहीं आया, तो उसे भविष्य में गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
सीजफायर पर अमेरिका की मध्यस्थता पर टिप्पणी
सीजफायर को लेकर अमेरिका की मध्यस्थता के प्रयास पर बोलते हुए पंवार ने कहा कि अमेरिका ने दोनों देशों में शांति स्थापित करने की पहल की थी, जिसे भारत ने माना लेकिन पाकिस्तान ने ठुकरा दिया। इससे यह साफ हो गया कि भारत की नीयत साफ है लेकिन पाकिस्तान की नीतियों में भरोसा नहीं किया जा सकता। विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा की गई विशेष संसदीय सत्र बुलाने की मांग पर मंत्री पंवार ने कहा कि देश की सुरक्षा से जुड़े फैसले CCS (कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी) स्तर पर लिए जाते हैं, जिसने पहले ही कई ठोस निर्णय लिए हैं जैसे सिंधु जल समझौते को समाप्त करना, 48 घंटे में पाकिस्तानियों को भारत छोड़ने का आदेश देना आदि।