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Kumari Selja: “सरकार संवेदनशीलता दिखाते हुए ओलावृष्टि से नष्ट हुई फसलों का किसानों को जल्द दे मुआवजा”- कुमारी सैलजा

BY: • LAST UPDATED : March 4, 2025
Inkhabar Haryana, Kumari Selja: हरियाणा में हाल ही में हुई बारिश और ओलावृष्टि ने प्रदेश के किसानों को भारी नुकसान पहुंचाया है। खेतों में खड़ी गेहूं और सरसों की फसलें बर्बाद हो गई हैं, जिससे किसान गहरे संकट में हैं। इसी मुद्दे को लेकर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री और सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि किसानों को जल्द से जल्द मुआवजा दिया जाना चाहिए। उन्होंने सरकार पर संवेदनहीनता का आरोप लगाते हुए कहा कि जुमलेबाज सरकार ने अब तक दिसंबर 2024 में हुई ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों को भी मुआवजा नहीं दिया है।

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ओलावृष्टि से 12 जिलों में फसलें हुई बर्बाद

सांसद कुमारी सैलजा ने मीडिया को जारी अपने बयान में बताया कि हाल ही में हुई ओलावृष्टि से हरियाणा के 12 जिलों में भारी तबाही मची है। गेहूं की खड़ी फसल खेतों में बिछ गई है, जबकि सरसों के दाने झड़ गए हैं। इसके अलावा पशु चारे, सब्जियों और प्याज जैसी अन्य फसलों को भी बड़ा नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि जब भी प्राकृतिक आपदा से किसानों की फसलें प्रभावित होती हैं, तो सरकार गिरदावरी के आदेश तो देती है, लेकिन बाद में खुद ही भूल जाती है कि इस पर क्या कार्रवाई करनी थी।

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उन्होंने बताया कि पिछले दिनों हुई ओलावृष्टि से प्रदेश के 23 जिलों के 615 गांवों की 8.08 लाख एकड़ में खड़ी फसलों को शून्य से 100 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है। लेकिन सरकार अभी तक केवल बयानबाजी कर रही है और किसानों को राहत देने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है।

किसानों की गिरदावरी के बावजूद नहीं मिला मुआवजा

सांसद सैलजा ने सरकार पर किसानों के साथ धोखा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि दिसंबर 2024 में हुई ओलावृष्टि से 1763 गांवों के 5299 किसानों की 2.6 लाख एकड़ फसल खराब हुई थी। किसानों ने क्षतिपूर्ति पोर्टल पर इसका पूरा ब्यौरा डाला था, लेकिन अब तक सरकार ने 2.03 लाख एकड़ फसल का वेरिफिकेशन तक नहीं करवाया। इससे साफ जाहिर होता है कि सरकार किसानों को राहत देने में बिल्कुल भी गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा कि अब 28 फरवरी से 1 मार्च के बीच हुई भारी ओलावृष्टि ने किसानों की कमर तोड़ दी है। गेहूं और सरसों की फसल को भारी नुकसान हुआ है, जिससे किसानों का भविष्य अंधकारमय हो गया है।

पोर्टल की प्रक्रिया से किसानों को हो रही परेशानी

कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकार किसानों की मदद करने की बजाय उन्हें पोर्टल की जटिल प्रक्रिया में उलझा रही है। पहले किसानों को अपनी फसलों का पूरा ब्यौरा “मेरी फसल मेरा ब्यौरा” पोर्टल पर डालना पड़ता है। अगर प्राकृतिक आपदा से फसल बर्बाद हो जाती है, तो किसानों को दोबारा इसका विवरण पोर्टल पर दर्ज करना होता है। इसके बाद सरकार वेरिफिकेशन की प्रक्रिया शुरू करती है, जो महीनों तक चलती रहती है। इस देरी का खामियाजा किसानों को उठाना पड़ता है, क्योंकि जब तक मुआवजा मिलता है, तब तक किसान कर्ज में डूब जाते हैं।

सरकार संवेदनशीलता दिखाते हुए जल्द करे मुआवजे का ऐलान

सांसद कुमारी सैलजा ने सरकार से अपील की कि वह किसानों की परेशानियों को समझे और जल्द से जल्द उन्हें मुआवजा दे। उन्होंने कहा कि ओलावृष्टि और बारिश न केवल किसानों की फसलों पर कहर बनकर गिरती हैं, बल्कि उनकी उम्मीदों और सपनों को भी चकनाचूर कर देती हैं।उन्होंने कहा कि फसल पर ही किसानों के सपने टिके होते हैं, और जब फसल खराब होती है तो उनके सपने भी टूट जाते हैं। सरकार को अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए किसानों को राहत पहुंचानी चाहिए और जल्द से जल्द मुआवजे की प्रक्रिया पूरी करनी चाहिए।