Inkhabar Haryana, laborers and farmers protest: भारतभर के मजदूर और किसान संयुक्त रूप से 26 नवंबर को विरोध प्रदर्शन करेंगे, जो कि उनकी विभिन्न मांगों को लेकर होगा। इस दिन की विशेषता यह है कि यह तीन कृषि कानूनों और चार श्रम संहिताओं के खिलाफ 2020 में शुरू हुए ऐतिहासिक संघर्ष की चौथी वर्षगांठ भी है। इस संघर्ष ने देशभर में किसान-मजदूर एकता को मजबूती से प्रस्तुत किया।
क्या है मांगें
1. न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP): सभी फसलों के लिए कानूनी रूप से गारंटीकृत MSP पर खरीद सुनिश्चित की जाए।
2. श्रम संहिताओं का विरोध: चार श्रम संहिताओं को रद्द किया जाए और श्रम का ठेकाकरण रोका जाए।
3. कृषि और श्रमिकों के लिए ऋण माफी: किसानों और खेत मजदूरों के लिए ऋण माफी और कम ब्याज दरों पर ऋण सुविधाएं प्रदान की जाएं।
4. निजीकरण का विरोध: सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और सेवाओं के निजीकरण पर रोक लगाई जाए।
5. महंगाई और सामाजिक सुरक्षा: महंगाई पर काबू पाया जाए और सभी के लिए सामाजिक सुरक्षा लाभ, जैसे कि 10,000 रुपये मासिक पेंशन, सुनिश्चित की जाए।
6. सांप्रदायिक विभाजन के खिलाफ कानून: समाज में सांप्रदायिक बंटवारे को रोकने के लिए कठोर कानून बनाए जाएं और उनका प्रभावी क्रियान्वयन किया जाए।
7. महिलाओं और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा: महिलाओं, दलितों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों पर होने वाली हिंसा को रोकने के लिए त्वरित न्यायिक प्रक्रिया लागू की जाए।
ध्रुवीकरण और सांप्रदायिक तनाव के खिलाफ संघर्ष