Inkhabar Haryana, Martyr Lt. Vinay Narwal: देशभक्ति, बलिदान और ग़म के भावों से भरे दृश्य आज हरिद्वार की पवित्र भूमि पर देखे गए, जब लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की अस्थियों का विसर्जन हर की पौड़ी में पूरे विधि-विधान से किया गया। आंखों में आंसू, दिलों में गर्व और हाथों में बेटे की अस्थियां लिए उनके पिता ने उस पल को जिया, जिसे कोई भी पिता कभी नहीं जीना चाहेगा। साथ में विनय के चचेरे भाई और परिवार के अन्य सदस्य भी अंतिम रस्मों में शामिल हुए।
शहीद विनय नरवाल के पिता और चचेरा भाई
लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की कहानी केवल एक सैनिक की नहीं, बल्कि एक नवविवाहित दंपत्ति के अधूरे सपनों की भी है। 16 अप्रैल को उन्होंने हिमांशी से विवाह किया था और 19 अप्रैल को रिसेप्शन रखा गया। लेकिन किसे पता था कि यह प्रेम और उत्सव से भरे दिन इतने जल्दी आंसुओं में बदल जाएंगे। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 वर्षीय भारतीय नौसेना अधिकारी विनय नरवाल शहीद हो गए।
वह अपनी पत्नी हिमांशी के साथ हनीमून पर थे, जब आतंकी गोलियों की बौछार में उन्हें छाती, गले और बांह में गंभीर चोटें आईं। हमले की तीव्रता ऐसी थी कि विनय ने घटनास्थल पर ही अंतिम सांस ली।
नम आंखों से किया बेटे को विदा