National Highway-44: नेशनल हाईवे-44 के संपर्क मार्गों की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है, जिससे लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। करोड़ों रुपये की लागत से बने इस हाईवे पर कुंडली से मुरथल तक के हिस्से में सड़कें टूट चुकी हैं और जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं। संपर्क मार्गों पर पानी भरने के कारण गड्ढे बढ़ते जा रहे हैं, जिससे वाहन चालकों को दुर्घटनाओं का खतरा रहता है। खासकर कुंडली, राई और बहालगढ़ के पास की सड़कें बुरी तरह टूट चुकी हैं।
हाईवे का यह हिस्सा, जिसे जून 2023 में लोकार्पित किया गया था, दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर को जोड़ता है। इसके चौड़ीकरण और मरम्मत पर 900 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे, लेकिन इसके बावजूद सड़क की हालत खस्ता है। एनएच-44 पर हर रोज़ 80,000 से अधिक वाहन चलते हैं, जिससे सरकार को टोल टैक्स के माध्यम से भारी आय होती है। इसके बावजूद, न तो सड़क की मरम्मत हो रही है और न ही नालों की सफाई की जा रही है।
खुले नाले और टूटे संपर्क मार्ग लोगों के लिए बड़ा खतरा बनते जा रहे हैं। सड़क सुरक्षा शाखा ने भी इन हालात को खतरनाक बताया है, क्योंकि वाहन चालकों को रात के समय गहरे गड्ढों का अंदाजा नहीं हो पाता।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के साइट इंजीनियर प्रांजल मिश्रा ने आश्वासन दिया है कि तीन सप्ताह के भीतर टूटे संपर्क मार्गों की मरम्मत कराई जाएगी और खुले नालों को ढकने का काम भी पूरा किया जाएगा। फिलहाल कुछ जगहों पर बारिश के पानी की निकासी की गई है, लेकिन स्थिति अभी भी चिंताजनक बनी हुई है। जनता मांग कर रही है कि जल्द ही इन समस्याओं का समाधान हो, ताकि दुर्घटनाओं को रोका जा सके।
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