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Operation Sindoor: इन जांबाज महिलाओं ने खोली आतंक के ठिकानों की पोल, जानें कैसे ऑपरेशन सिंदूर में महिला शक्ति ने निभाई अहम भूमिका

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Inkhabar Haryana, Operation Sindoor: भारत के जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में निर्दोष नागरिकों की जान जाने के बाद पूरे देश में आक्रोश की लहर दौड़ गई। लेकिन भारतीय सेना ने इस दर्द को साहस और रणनीतिक जवाब में तब्दील कर दिया। बीती रात भारतीय सशस्त्र बलों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में स्थित नौ आतंकी ठिकानों पर जबरदस्त एयरस्ट्राइक कर उन्हें ध्वस्त कर दिया। सूत्रों के अनुसार, इस ऑपरेशन में लगभग 90 पाकिस्तानी आतंकवादियों को ढेर कर दिया गया।

महिला शक्ति की अगुवाई में पाक की साजिश का पर्दाफाश

भारतीय सेना द्वारा मंगलवार देर रात इस विशेष ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। इस कार्रवाई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया है  एक ऐसा नाम जो न सिर्फ प्रतिशोध का प्रतीक है, बल्कि देश की रक्षा के लिए सेना के संकल्प को भी दर्शाता है। सेना के उच्च अधिकारियों के अनुसार, इस ऑपरेशन की योजना इस प्रकार बनाई गई थी कि किसी भी नागरिक या नागरिक बुनियादी ढांचे को नुकसान न पहुंचे।

बुधवार सुबह भारतीय सेना ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए ऑपरेशन की जानकारी साझा की। इस विशेष प्रेस कॉन्फ्रेंस को दो जांबाज महिला अधिकारी—भारतीय वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह और भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी—ने संबोधित किया। दोनों अधिकारियों ने न केवल ऑपरेशन की सफलता के बारे में जानकारी दी, बल्कि पाकिस्तान द्वारा दशकों से पालित-पोषित आतंकी ढांचों की भी पोल खोल दी।

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कौन हैं कर्नल सोफिया कुरैशी

कर्नल सोफिया कुरैशी भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर तैनात हैं और लंबे समय से साहस, धैर्य और नेतृत्व का उदाहरण रही हैं। उन्होंने इतिहास तब रचा जब वह एक्सरसाइज फोर्स 18 में भारतीय सेना की टुकड़ी का नेतृत्व करने वाली पहली महिला अधिकारी बनीं। यह बहुराष्ट्रीय युद्धाभ्यास 2 से 8 मार्च तक पुणे में आयोजित हुआ था, जिसमें 18 देशों ने भाग लिया, जिनमें अमेरिका, चीन, जापान, रूस और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश शामिल थे।

सोफिया का सैन्य बैकग्राउंड मजबूत रहा है उनके दादा भारतीय सेना से रिटायर्ड थे और उनके पति मैकेनाइज्ड इन्फेंट्री में अधिकारी हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पाकिस्तान में पिछले तीन दशकों से आतंकवाद का ढांचा खड़ा किया गया है, जिसे अब खत्म करना जरूरी हो गया था। पहलगाम के मासूम नागरिकों को न्याय दिलाने के लिए ही ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया गया।

विंग कमांडर व्योमिका सिंह की भूमिका

भारतीय वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह, जो कि एक अनुभवी हेलीकॉप्टर पायलट हैं, ने भी इस ऑपरेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। व्योमिका बचपन से ही वायुसेना में जाना चाहती थीं और आज उन्होंने अपने सपने को देश सेवा में बदल दिया है। उनके पास 2,500 घंटे से अधिक की उड़ान का अनुभव है और वे भारत के पूर्वोत्तर और जम्मू-कश्मीर जैसे दुर्गम क्षेत्रों में उड़ान भर चुकी हैं।

उन्होंने चीता और चेतक जैसे हेलीकॉप्टरों को उड़ाते हुए कई रेस्क्यू मिशनों को सफलता से अंजाम दिया है। नवंबर 2020 में अरुणाचल प्रदेश में उन्होंने एक कठिन मिशन का नेतृत्व करते हुए कई लोगों की जान बचाई थी। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं थी, यह उन परिवारों को न्याय दिलाने का माध्यम था जिन्होंने पहलगाम हमले में अपनों को खोया। हमारी पूरी कोशिश रही कि कोई निर्दोष हताहत न हो।

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