Paddy Markets: हरियाणा के अंबाला सिटी जिले की मंडियों में इस बार धान की आवक कुछ धीमी हो गई है। यहां अब तक 5146417 क्विंटल धान की आवक हो चुकी है, लेकिन अभी तक केवल 76 प्रतिशत धान का ही उठान हो पाया है। केसरी और कड़ासन मंडियों में सबसे कम 52 और 42 प्रतिशत धान का उठान हुआ है। ऐसे में किसानों को त्योहारों के समय मंडियों में रात बितानी पड़ रही है।
किसानों के लिए सबसे बड़ी चिंता का विषय भुगतान है। मंडियों में करीब 150 करोड़ रुपये का बकाया भुगतान है, जिससे किसान परेशान हैं। इसके साथ ही, फसल में नमी की समस्या भी बढ़ गई है। अधिक नमी के कारण किसानों को 50 रुपये प्रति अंक का भुगतान करना पड़ रहा है, जिससे प्रति क्विंटल हजारों रुपये का कट लग रहा है।
आढ़तियों और एजेंसियों के मीटर में भी अंतर है। आढ़ती के मीटर में नमी अधिक आती है, जबकि एजेंसी के मीटर में नमी कम दिखाई देती है। इस वजह से किसानों को सही भुगतान नहीं मिल रहा है।
अंबाला छावनी से 285250 क्विंटल, अंबाला शहर से 865750 क्विंटल, नन्यौला मंडी से 93470 क्विंटल, साहा मंडी से 356100 एमटी, और मुलाना मंडी से 469380 क्विंटल धान का उठान हो चुका है। अन्य मंडियों से भी धान की उठान हुई है, जैसे बराड़ा मंडी से 482220 क्विंटल और नारायणगढ़ मंडी से 370660 क्विंटल। इन सब समस्याओं के बीच, एजेंसियों ने अब तक 776.93 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। किसानों की स्थिति को बेहतर करने के लिए इस दिशा में कदम उठाना आवश्यक है।
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