Inkhabar Haryana, PGIMER Big Successful Operation: चंडीगढ़ के पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (PGIMER) ने चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि दर्ज करवाई गई हैं। दरअसल संस्थान ने इतिहास के सबसे लंबे मरीज का सफल ऑपरेशन कर एक नई मिसाल पेश की है। यह केस बेहद दुर्लभ और जटिल स्थिती से पीड़ित एक्रोमेगली मरीज का था।
7 फीट 7 इंच लंबा था मरीज
जानकारी के मुताबिक, मरीज 35 साल का 7 फीट 7 इंच लंबा मरीज था, जो कि जम्मू कश्मीर पुलिस में हेड कॉन्स्टेबल के तौर पर काम करता था। यह सालों से असामान्य शारीरिक वृद्धि, जोड़ों के दर्द, कम नजर आना और रोजाना के जीवन में परेशानियों का सामना कर रहा था। विशेषज्ञों ने पाया कि वह फंक्शनल पिट्यूटरी एडेनोमा से पीड़ित था – मस्तिष्क में स्थित पिट्यूटरी ग्रंथि का एक ट्यूमर, जो हार्मोन का अत्यधिक स्राव करता है और शरीर के समग्र संतुलन को बिगाड़ देता है।
सर्जरी के दौरान मिली कई चुनौती
इस केस की जटिलताओं को ध्यान में रखते हुए, PGIMER की न्यूरोसर्जरी टीम और न्यूरोएनेस्थीसिया विभाग ने एक अभूतपूर्व तालमेल के साथ काम किया। मरीज़ की अत्यधिक ऊंचाई और वजन ने विशेष रूप से एनेस्थीसिया के दौरान एयरवे एक्सेस और ऑपरेशन टेबल की पोजिशनिंग में कई व्यावहारिक चुनौतियाँ उत्पन्न कीं। इन्हें ध्यान में रखते हुए, टीम ने ऑपरेशन से एक दिन पहले संपूर्ण रिहर्सल की, विशेष उपकरणों और टेबल सेटअप में आवश्यक बदलाव किए, ताकि सर्जरी के दिन कोई जोखिम न रहे।
कैसे हुई सर्जरी?
एंडोस्कोपिक ट्रांसनेजल सर्जरी एक अत्याधुनिक और न्यूनतम इनवेसिव तकनीक के माध्यम से यह जटिल प्रक्रिया की गई। इस प्रक्रिया में सिर पर कोई चीरा नहीं लगाया जाता, बल्कि नाक के रास्ते ट्यूमर को हटाया जाता है, जिससे मरीज़ को जल्दी रिकवरी का लाभ मिलता है। इस जटिल ऑपरेशन को डॉ. राजेश छाबड़ा (प्रोफेसर, न्यूरोसर्जरी), डॉ. अपिंदरप्रीत सिंह और डॉ. शिल्पी बोस ने सफलतापूर्वक अंजाम दिया। उन्हें डॉ. राजीव चौहान के नेतृत्व में डॉ. इकजोत और डॉ. दृष्टि पारेख की न्यूरोएनेस्थीसिया टीम का पूरा सहयोग प्राप्त हुआ। गुरप्रीत सिंह और ओटी टीम ने सर्जरी की सफलता सुनिश्चित करने में निर्णायक भूमिका निभाई।
सर्जरी के बाद सुधार और उम्मीदें
सर्जरी के कुछ ही हफ्तों में मरीज़ के हार्मोन स्तर सामान्य होने लगे और लक्षणों में उल्लेखनीय सुधार देखा गया। मरीज़ अब सामान्य जीवन की ओर लौट रहा है। इस केस के साथ ही PGIMER ने एंडोस्कोपिक ट्रांसनेजल तकनीक द्वारा 100 से अधिक एक्रोमेगली मामलों का सफल इलाज कर लिया है।
क्या हैं विशेषज्ञों की राय?
डॉ. छाबड़ा ने स्पष्ट किया कि पिट्यूटरी ट्यूमर अक्सर शुरुआत में लक्षणहीन होते हैं, लेकिन समय पर इलाज न होने पर वे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकते हैं जैसे एक्रोमेगली, कुशिंग रोग, या प्रोलैक्टिनोमा। उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी व्यक्ति में असामान्य शारीरिक वृद्धि, मासिक धर्म में गड़बड़ी, या बिना किसी स्पष्ट कारण के वजन बढ़ने जैसे लक्षण दिखें, तो उन्हें तुरंत चिकित्सा जांच करवानी चाहिए।