Inkhabar Haryana, Punjab-Haryana High Court: पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने ध्वनि प्रदूषण को लेकर एक अहम आदेश जारी किया है, जिसमें अधिकारियों को व्यक्तिगत तौर पर जिम्मेदार ठहराने की बात कही गई है। कोर्ट ने यह आदेश जारी करते हुए पुलिस को नॉइज पॉल्यूशन के मामले में एफआईआर दर्ज करने का अधिकार दिया है और साथ ही निर्देश दिए हैं कि संबंधित जिलाधिकारी (DM) और पुलिस अधीक्षक (SP) कानून के तहत सख्त कदम उठाएं।
नॉइज पॉल्यूशन को लेकर FIR का आदेश
पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के नागरिकों द्वारा ध्वनि प्रदूषण फैलाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह आदेश मुख्य न्यायधीश शील नागू और न्यायमूर्ति अनिल क्षेत्रपाल की बेंच ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए। याचिका में हरियाणा सरकार के खिलाफ नॉइज पॉल्यूशन को लेकर शिकायत की गई थी।
कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि ध्वनि प्रदूषण वायु प्रदूषण का ही हिस्सा है और इसलिए पुलिस को पूरी तरह से अधिकार है कि वह इस तरह के मामलों में FIR दर्ज करें और संबंधित कार्रवाई करें। अगर पुलिस अपने कर्तव्यों में चूक करती है, तो इसके लिए जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार ठहराया जाएगा।
ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ सख्त कदम
यह आदेश 2019 में दिए गए पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट के पहले आदेश के बाद आया है, जिसमें कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा था कि रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक रेजिडेंशियल एरिया में ध्वनि प्रदूषण करने वाले वाहनों और अन्य उपकरणों पर कड़ी रोक लगाई जाए। इसके अलावा, धार्मिक स्थलों जैसे मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारों में लाउडस्पीकर और पब्लिक एड्रेस सिस्टम का इस्तेमाल बिना अनुमति के करने पर भी रोक लगाई गई थी।
पिछले आदेश में यह भी कहा गया था कि रात के समय किसी भी प्रकार के म्यूज़िकल इंस्ट्रूमेंट्स और एम्प्लीफायर का इस्तेमाल सख्त रूप से मना होगा। इसके साथ ही कोर्ट ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया था कि वे माइक्रो और मैक्रो स्तर पर यह सुनिश्चित करें कि प्रदूषण किस प्रकार हो रहा है और जो इसके लिए जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
5 साल बाद आए नए आदेश
यह नया आदेश हाई कोर्ट द्वारा जारी किए गए 15 दिशा-निर्देशों के पांच साल बाद आया है, जिनमें प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाने की बात की गई थी। विशेषकर, परीक्षा के समय के दौरान लाउडस्पीकर और अन्य ध्वनि प्रदूषण उत्पन्न करने वाले उपकरणों के उपयोग पर सख्त रोक लगाने की बात कही गई थी।
अधिकारियों की जिम्मेदारी
पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने इस आदेश के माध्यम से स्पष्ट किया कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। यदि अधिकारी अपनी ड्यूटी में विफल रहते हैं, तो उन्हें व्यक्तिगत तौर पर इसके लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा। कोर्ट का यह आदेश प्रदूषण नियंत्रण को लेकर अधिकारियों के लिए एक कड़ा संदेश है, जिससे आगामी दिनों में ध्वनि प्रदूषण के मामलों में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है।