शिकायतकर्ता दर्शन सुधीर रोहतक के खरावड़ गांव स्थित एक कंपनी में काम करता है। उसे व्हाट्सएप पर एक संदेश प्राप्त हुआ, जिसमें शेयर मार्केट में पैसा लगाकर बड़ा मुनाफा कमाने का दावा किया गया था। सुधीर ने संदेश पर भरोसा कर लिंक पर क्लिक किया, जिसके बाद आरोपियों ने उसे धीरे-धीरे साइबर ठगी के जाल में फंसा लिया।
इस दौरान आरोपियों ने सुधीर को 30 लाख रुपये का लोन दिलाने का भी झांसा दिया और इसके लिए नकली कागजात बनाकर भेजे। इस धोखाधड़ी के जरिए आरोपियों ने 1 करोड़ 23 लाख 50 हजार रुपए की ठगी की।
पुलिस ने शिकायत के आधार पर जांच शुरू की और तकनीकी सहायता से आरोपियों का पता लगाया। गिरोह के तीन सदस्य बरेली, उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किए गए। उनकी पहचान अमन पुत्र सलीम रोहिल्ला, ओला पुराना शहर, नईम पुत्र बाबू खान, गांव रामपुरा और शाहिर पुत्र मोहम्मद रजाक, रायपुर थाना, जिला बरेली से हुई है।
बता दें कि, पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने के लिए बरेली में छापेमारी की। उनके पास से ठगी में इस्तेमाल किए गए कई फर्जी दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए गए हैं। आरोपियों से पूछताछ जारी है ताकि यह पता लगाया जा सके कि इस गिरोह ने और कितने लोगों को ठगा है।
साइबर ठगी के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे लालच भरे संदेशों और लिंक पर कभी भरोसा न करें। किसी अनजान स्रोत से आए लिंक पर क्लिक करने से पहले उसकी सत्यता की जांच करें। पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि साइबर अपराध की किसी भी घटना की सूचना तुरंत स्थानीय थाने या साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर पर दें।