Stubble Burning: हरियाणा में पराली जलाने के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है, जिससे पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंच रहा है। इसको देखते हुए प्रशासन ने सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। कैथल जिले में रविवार को पहली बार 13 किसानों की गिरफ्तारी की गई। यह कार्रवाई गुहला-चीका, पूंडरी, ढांड और सीवन क्षेत्रों में की गई, जहां पराली जलाने के कई मामले सामने आए हैं। गिरफ्तार किए गए किसानों को बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया, लेकिन प्रशासन ने सख्त निर्देश दिए हैं कि बाकी दोषी किसानों की जल्द गिरफ्तारी की जाए।
कैथल जिले में पराली जलाने के सबसे ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं। अब तक 130 मामले सामने आ चुके हैं, जो पूरे राज्य में सबसे अधिक हैं। प्रशासन ने इस समस्या से निपटने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। रविवार को 32 किसानों की जमीन को रेड एंट्री श्रेणी में डाल दिया गया है। इसका मतलब है कि ये किसान दो सीजन तक अपनी फसल मंडियों में नहीं बेच पाएंगे। अब तक कुल 368 किसानों की जमीन रेड एंट्री में डाली जा चुकी है। इसके अलावा, 317 किसानों के खिलाफ चालान दर्ज कर 8.15 लाख रुपये का जुर्माना भी वसूला जा चुका है।
हरियाणा के अन्य जिलों में भी पराली जलाने के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। कुरुक्षेत्र में 91, करनाल में 71, अंबाला में 73, और जींद में 49 मामले सामने आए हैं। प्रशासन लगातार नजर रख रहा है और सख्त कार्रवाई की जा रही है। पराली जलाने से न केवल हवा प्रदूषित होती है, बल्कि पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य पर भी गंभीर प्रभाव पड़ता है। प्रशासन द्वारा उठाए गए ये कदम पर्यावरण को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से किए गए हैं, और उम्मीद की जा रही है कि किसान इन नियमों का पालन करेंगे ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।