Stubble Burning: हरियाणा में पराली जलाने के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, और इसको रोकने के लिए सरकार ने कड़े कदम उठाने का फैसला किया है। अब अगर कोई किसान पराली जलाते हुए पकड़ा जाएगा, तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। इसके अलावा, उस किसान को अगले दो सीज़न (रबी और खरीफ) के लिए मंडियों में अपनी फसल बेचने की अनुमति नहीं होगी। सरकार उसकी फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर भी नहीं खरीदेगी।
कृषि विभाग के निदेशक ने सभी जिला उपायुक्तों और उप कृषि निदेशकों को इस मामले में सख्त निर्देश जारी किए हैं। जैसे ही नायब सैनी सरकार ने कार्यभार संभाला, कांग्रेस ने इसे तानाशाही करार दिया और इस आदेश को वापस लेने की मांग की। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि यह किसानों के खिलाफ एक बड़ा कदम है।
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने इस मामले में मोर्चा संभालते हुए कहा कि किसानों को समझाया जाएगा। हर साल हरियाणा में पराली जलाने का मुद्दा उठता है, खासकर जब दिल्ली में प्रदूषण बढ़ता है। दिल्ली सरकार अक्सर हरियाणा को जिम्मेदार ठहराती है। पिछले कुछ वर्षों से हरियाणा सरकार पराली प्रबंधन के लिए उपाय कर रही है।
इस साल धान के सीज़न में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ गई हैं। इस समय 627 स्थानों पर पराली जलाने के मामले सामने आ चुके हैं। हाल ही में शुक्रवार को अंबाला, फरीदाबाद, हिसार, और अन्य जिलों में पराली जलाने की घटनाएं हुईं। सरकार की सख्ती के बावजूद, किसानों को पराली जलाने से रोकना एक चुनौती बनता जा रहा है।