Sugarcane Farmers: करनाल की सहकारी चीनी मिल के बोर्ड की आम सभा में गन्ना किसानों के हित में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। प्रबंध निदेशक हितेंद्र कुमार ने किसानों की सबसे बड़ी समस्या, यानी लेबर की कमी, को हल करने के लिए हार्वेस्टिंग मशीनों की उपलब्धता की बात की। उन्होंने कहा कि यदि किसान दो दिन के अंदर अपनी राय लिखित रूप में देंगे, तो मशीनें जल्द ही उपलब्ध कराई जाएंगी।
सभा की अध्यक्षता वरिष्ठ निदेशक सुरेंद्र शर्मा ने की। उन्होंने कहा कि मिल ने पिछले तीन वर्षों में अच्छे मुनाफे के साथ आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने में सफलता हासिल की है। निदेशक ओमपाल मढ़ान ने सुझाव दिया कि जब मिल मुनाफे में है, तो किसानों को भी उसका हिस्सा मिलना चाहिए। उन्होंने तीन दिन के अंदर गन्ना किसानों के भुगतान का भी आश्वासन दिया।
किसान नेता श्याम सिंह राणा ने भी अपने साथियों के साथ प्रबंध निदेशक को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में मांग की गई कि चीनी मिल 12 नवंबर तक शुरू हो, बांड से कम गन्ना देने पर जुर्माना न हो, और पूर्व शेयर धारकों के अंश उनके परिजनों को दिए जाएं। प्रबंध ने आश्वासन दिया कि मिल हार्वेस्टिंग मशीनें उपलब्ध कराने के लिए तैयार है। एक मशीन की कीमत करीब दो करोड़ रुपये है, लेकिन किसानों की सुविधा के लिए यह कदम उठाया जाएगा।
चीनी मिल का पेराई सत्र 19 नवंबर से शुरू होगा। प्रबंध निदेशक ने कहा कि सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा ताकि किसानों को सस्ते दर पर चीनी उपलब्ध कराई जा सके। इस प्रकार, करनाल के गन्ना किसानों के लिए यह एक सकारात्मक कदम साबित होगा।
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