Inkhabar Haryana, Surajkund Mela 2025: 38वां अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड शिल्प मेला जहां शिल्पकारों के हुनर को विश्वभर में नई पहचान दे रहा है वहीं शिक्षण संस्थानों से लेकर देश-विदेश के कलाकारों को बेहतरीन सांस्कृतिक मंच भी प्रदान कर रहा है। इस मेले में जहां मुख्य चौपाल से शाम के समय विख्यात कलाकार बड़ा धमाल मचा रहे हैं वहीं बड़ी चौपाल पर विभिन्न देशों और राज्यों के लोक कलाकार सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से पर्यटकों को अपनी संस्कृति और विरासत से रूबरू करवा रहे हैं। इनके अलावा छोटी चौपाल और नाट्यशाला में भी दिनभर मनमोहक सांस्कृतिक गतिविधियां आयोजित करवाई जा रही हैं।
मिस्र से जुड़ी कलाकृतियां और पिरामिड पर्यटकों को भा रहे
प्राचीन मिस्र सभ्यता से जुड़ी कला मूर्तियां और आभूषण अपनी विशिष्ट छाप मेला परिसर में छोड़ रहे हैं। स्टॉल नंबर-एफसी 2 में मिस्र की विभिन्न कलाकृतियों के साथ इस मेले में आए मोहम्मद कमल भारतीय सभ्यता और यहां के सामाजीकरण के मुरीद हैं। वे भारतीय सभ्यता को पुरातन सभ्यताओं में से एक मानते हुए यहां के रहन-सहन और खानपान के भी कायल हैं। उन्हें हरियाणवी रहन-सहन भी काफी भा रहा है। उनकी स्टॉल पर मिस्र से जुड़ी मूर्तियों, आभूषणों और पिरामिडों को लोग शो पीस के रूप में खरीद रहे हैं।
मिस्र से जुड़ी कलाकृतियां
बड़ी और छोटी चौपाल बनी आकर्षण का केंद्र
इस बार का 38 वां सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला काफी अनोखा और आकर्षित करने वाला मेला है। विश्व के प्रसिद्ध मेलों में से एक सूरजकुंड मेला अब शिल्प के साथ-साथ सांस्कृतिक मंचों से भी अपनी अनूठी पहचान बना रहा है। हरियाणा के CM नायब सिंह सैनी के मार्गदर्शन और पर्यटन एवं विरासत मंत्री डॉ. अरविंद कुमार शर्मा के नेतृत्व में मेला परिसर में पहली बार एक साथ चार मंचों पर सांस्कृतिक गतिविधियां लगातार आयोजित करवाई जा रही है।
बड़ी चौपाल पर अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से दर्शकों को लुभाते विदेशी कलाकार
इनमें महा चौपाल पर आयोजित होने वाली सांस्कृतिक संध्या में प्रख्यात कलाकार दर्शकों का जहां मनोरंजन कर रहे हैं। वहीं बड़ी चौपाल भी देश के विभिन्न राज्यों और विदेशी कलाकारों की शानदार कार्यक्रमों से खूब सज रही है। छोटी चौपाल पर हरियाणवी लोक कलाकार हरियाणवी स्टाइल में अपना रंग जमा रहे हैं। इस बार नाट्यशाला में नन्हें कलाकारों को मंच प्रदान किया गया है।