Inkhabar Haryana, SurajKund Mela 2025: हरियाणा के फरीदाबाद में चल रहे 38वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले में देश-विदेश के कलाकार अपनी अनूठी कला का प्रदर्शन कर रहे हैं। इस मेले की खासियत ही इसकी पारंपरिक कला और शिल्पकारी है, जो देशभर के विभिन्न राज्यों से आए कलाकारों को एक मंच प्रदान करती है। इसी कड़ी में, उड़ीसा से आए चित्रकार रामचंद्र अपनी अनूठी पेंटिंग्स से लोगों का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।
रामचंद्र की पेंटिंग्स साधारण कैनवास या कपड़े पर नहीं बनाई जातीं, बल्कि वे उन विशेष पत्तों पर चित्रकारी करते हैं, जिनका ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। उन्हीं पत्तों पर प्राचीन काल में ग्रंथों की रचना होती थी और शिक्षा दी जाती थी। इस दुर्लभ कला के माध्यम से रामचंद्र न केवल भारतीय परंपरा को जीवंत बनाए हुए हैं, बल्कि इसे एक नई पहचान भी दे रहे हैं। वह अपनी कला की पूरी प्रक्रिया स्वयं अपने हाथों से करते हैं। उनकी चित्रकारी में उपयोग किए गए रंग पूरी तरह से प्राकृतिक होते हैं, जिससे उनकी पेंटिंग्स पर्यावरण के अनुकूल होती हैं। इस अनूठी कला को देखने के लिए मेले में आए दर्शकों की भारी भीड़ उमड़ रही है।
इस बार रामचंद्र पहली बार सूरजकुंड मेले में हिस्सा ले रहे हैं और यहां उन्हें दर्शकों का अपार प्रेम मिल रहा है। उनकी कला की प्रशंसा केवल आम दर्शक ही नहीं, बल्कि हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी भी कर चुके हैं। मुख्यमंत्री ने स्वयं उनकी दुकान पर जाकर उनकी कलाकारी को देखा और उनकी प्रतिभा की सराहना की। रामचंद्र की यह कला केवल स्थानीय या राज्य स्तर तक सीमित नहीं है, बल्कि उन्हें अपनी उत्कृष्ट चित्रकारी के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है। उनकी इस उपलब्धि ने न केवल उड़ीसा बल्कि पूरे भारत का नाम रोशन किया है।