25 मार्च को मिला इनकम टैक्स का पत्र
राज सिंह, जो एक टाटा 407 टेंपो का ड्राइवर है और लोन लेकर गाड़ी चलाता है, को 25 मार्च को इनकम टैक्स विभाग की ओर से एक नोटिस मिला। इस नोटिस में लिखा था कि उनके अकाउंट से वित्तीय वर्ष 2020-21 में 31.67 करोड़ रुपये की ट्रांजेक्शन की गई है और उन्होंने आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया है। साथ ही चेतावनी दी गई कि 15 अप्रैल तक जवाब न मिलने पर विभाग सीधे कार्रवाई करेगा।
राज सिंह का कहना है कि उसने जिंदगी में इतना पैसा कभी देखा तक नहीं। वह दिनभर टेंपो चलाकर बमुश्किल अपनी गृहस्थी चला पाता है। लोन पर खरीदी गई गाड़ी की किस्तें भी समय पर भरनी मुश्किल हो जाती हैं। उसके मुताबिक कि मैं कभी GST ऑफिस गया ही नहीं। मेरे पैन और आधार कार्ड का किसी ने फर्जी तरीके से इस्तेमाल कर लिया है।
दिल्ली के करावल इलाके से जुड़ा GST फर्जीवाड़ा
नोटिस में दर्ज जानकारी के मुताबिक, राज सिंह के दस्तावेज़ों का इस्तेमाल करके दिल्ली के करावल नगर क्षेत्र की एक ‘राहुल प्लास्टिक शॉप’ के नाम पर GST नंबर लिया गया और उसी के जरिए करोड़ों का व्यापार दर्शाया गया। राज सिंह ने दावा किया है कि न ही वह कभी दिल्ली गया और न ही उसने कोई बैंक खाता खोला।
राज सिंह के परिवार में पत्नी, एक बेटा और एक शादीशुदा बेटी हैं। बेटे की पढ़ाई और रोज़मर्रा की जरूरतें पहले ही मुश्किल से पूरी होती थीं, अब ये कानूनी संकट जीवन को और अधिक कठिन बना रहा है। राज सिंह ने वकील के माध्यम से नोटिस का जवाब दे दिया है, लेकिन स्थानीय साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज नहीं की गई। पुलिस ने कहा कि जब विभाग से FIR के लिए पत्र आएगा, तभी कार्रवाई होगी।
पहले सैलून संचालक, अब ड्राइवर – सिस्टम में हो रही सेंध
यह कोई पहली घटना नहीं है जब किसी आम नागरिक के नाम पर करोड़ों के फर्जी लेन-देन का मामला सामने आया हो। हाल ही में भिवानी में एक सैलून संचालक के नाम पर भी करोड़ों का इनकम टैक्स नोटिस आया था। अब एक गरीब टेंपो चालक के नाम पर GST और बैंकिंग सिस्टम का दुरुपयोग दिखाता है कि किस तरह साइबर अपराधी आम लोगों को निशाना बना रहे हैं।