मुख्य अतिथि विपुल गोयल ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि हमारा संविधान न केवल हमें अधिकारों के प्रति जागरूक करता है, बल्कि कर्तव्यों के निर्वहन का मार्ग भी दिखाता है। उन्होंने कहा कि संविधान की प्रस्तावना हमें समानता, स्वतंत्रता और भाईचारे के सिद्धांतों का सार्थक संदेश देती है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि संविधान के तहत देश की प्रगति में युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए इस प्रकार के आयोजनों का महत्व बहुत बड़ा है।
गोयल ने बताया कि संविधान में अब तक 127 संशोधन किए गए हैं, जिनमें से कई महत्वपूर्ण संशोधन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में हुए हैं। महिला सशक्तिकरण पर जोर देते हुए उन्होंने महिला आरक्षण विधेयक के पारित होने को एक ऐतिहासिक कदम बताया।
विधायक धनेश अदलखा ने अपने विचार रखते हुए कहा कि संविधान हमें समानता और भाईचारे के माध्यम से एक मजबूत और समृद्ध समाज की संरचना का आधार प्रदान करता है। उन्होंने “हम भारत के लोग” शब्दों के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह शब्द समाज की शक्ति और लोकतंत्र की भावना का प्रतीक हैं।
संविधान की उद्देशिका को प्रदर्शित करने वाली आर्ट गैलरी का उद्घाटन मुख्य अतिथि ने किया। इस प्रदर्शनी में संविधान से जुड़ी विस्तृत जानकारी दी गई और इसके महत्व को रेखांकित किया गया। इसके अलावा, समारोह के दौरान संविधान की प्रस्तावना का वाचन किया गया और एक डॉक्यूमेंट्री के माध्यम से संविधान की यात्रा को दर्शाया गया।
कार्यक्रम के अंत में विभिन्न प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया। जिला प्रशासन द्वारा आयोजित इन प्रतियोगिताओं में “हमारा संविधान-हमारा स्वाभिमान” थीम पर केंद्रित रचनात्मक प्रस्तुतियां दी गईं।
समारोह के समापन पर मुख्य अतिथि विपुल गोयल को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर जिला उपायुक्त विक्रम सिंह, डीसीपी अभिषेक जोरवाल, भाजपा जिलाध्यक्ष राजकुमार वोहरा, जिला परिषद चेयरमैन विजय लोहिया, और मानव रचना विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. दीपेंद्र कुमार झा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।