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Water Crisis In Haryana: हरियाणा में जल संकट गहराया, किसानों का विरोध प्रदर्शन आज, पेयजल संकट से जनता बेहाल

BY: • LAST UPDATED : May 2, 2025

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Inkhabar Haryana, Water Crisis In Haryana: हरियाणा में जल संकट दिनों-दिन गहराता जा रहा है। एक ओर किसानों को सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल रहा है, तो दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्रों में पीने के पानी की भी भारी किल्लत है। इस स्थिति ने किसानों और आम जनता दोनों को सड़कों पर उतरने को मजबूर कर दिया है। पानी की इस विकट स्थिति के खिलाफ संयुक्त जल संघर्ष समिति ने 2 मई को रोष प्रदर्शन का आह्वान किया है, जिसकी सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

किसानों का विरोध मार्च

2 मई यानी आज हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (एचएयू) के गेट नंबर 4 के सामने स्थित स्मृति वन पार्क में किसान संगठनों के प्रतिनिधि एकत्र होंगे और वहां से लघु सचिवालय तक रोष मार्च निकाला जाएगा। समिति के प्रधान बिजेंद्र बेनीवाल और ‘पगड़ी संभाल जट्टा’ किसान संघर्ष समिति के महासचिव संदीप सिवाच ने बताया कि यह समय कपास की बुआई के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, लेकिन नहरों में पानी न होने के कारण किसान परेशान हैं।

हिसार जिले में हर साल लगभग 2.30 लाख हेक्टेयर भूमि पर कपास की खेती की जाती है, जो खरीफ की सबसे महत्वपूर्ण फसल मानी जाती है। पिछले एक महीने से नहरें सूखी पड़ी हैं, जिससे किसानों की मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं। नेताओं ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार सिर्फ बयानबाजी कर रही है, जबकि जमीन पर कोई ठोस प्रयास नहीं हो रहे।

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जनता के लिए टैंकर ही एकमात्र सहारा

केवल सिंचाई ही नहीं, पीने के पानी की भी हालत बेहद चिंताजनक है। कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को पत्र लिखकर इस पर तुरंत कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने बताया कि जिले के अधिकतर जलघरों की डिग्गियां सूखी पड़ी हैं और लोग मजबूरी में 600 से 1200 रुपये तक में टैंकरों से पानी खरीदने को विवश हैं।

उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक गांवों की डिग्गियां पूरी तरह भर नहीं जातीं, तब तक नहरों में पानी छोड़ा जाए और किसानों को भी सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मुहैया कराया जाए।

जल संकट से सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र

नाथूसरी चोपटा क्षेत्र के कई गांव—गुसाई आना, कुम्हारिया, हजीरा, जसानिया, गंजा रुपाणा, कागदाना, जमाल, खेड़ी, और माधोसिंघाना—भीषण जल संकट से जूझ रहे हैं। वहीं रानियां, ऐलनाबाद, डबवाली और चौटाला जैसे बड़े गांवों में भी हालात चिंताजनक हैं। ट्यूबवेल से पानी की आपूर्ति हो रही है, लेकिन वहां का खारा पानी लोगों को जलजनित बीमारियों की चपेट में ला रहा है।