नूंह जिले के उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा ने जानकारी दी कि यह निर्णय हरियाणा के मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप लिया गया है। उन्होंने बताया कि इंजीनियर-इन-चीफ, पीडब्ल्यूडी (बीएंडआर) द्वारा भी इस टोल प्लाजा को बंद करने के निर्देश पहले ही जारी किए जा चुके हैं। टोल वसूली का यह अनुबंध 18 महीने की अवधि के लिए मेसर्स एएस मल्टीपर्पज सर्विसेज को दिया गया था, जिसकी समयसीमा 17 फरवरी 2025 को रात 12 बजे समाप्त हो रही है।
टोल प्लाजा बंद होने से न केवल स्थानीय नागरिकों को राहत मिलेगी, बल्कि इस मार्ग से प्रतिदिन सफर करने वाले वाहन चालकों को भी फायदा होगा। अब लोग इस सड़क का उपयोग बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के कर सकेंगे, जिससे उनका समय और पैसा दोनों बचेंगे। सरकार के इस फैसले से क्षेत्र में खुशी की लहर है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह टोल लंबे समय से एक अतिरिक्त आर्थिक बोझ था, जिसे हटाने की मांग वे पहले से कर रहे थे। अब टोल हटने से व्यापार, परिवहन और आवागमन में और अधिक सुगमता आएगी।