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Justice System: भारत की न्याय प्रणाली में ऐतिहासिक बदलाव, 160 साल पुराने कानून में परिवर्तन

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Inkhabar Haryana, Justice System: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चंडीगढ़ में आयोजित एक कार्यक्रम में देश की आपराधिक न्याय प्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव का ऐलान करते हुए तीन नए आपराधिक कानूनों को राष्ट्र को समर्पित किया। इन कानूनों का उद्देश्य भारतीय समाज को अधिक सुरक्षित और न्यायपूर्ण बनाना है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमित शाह ने इन कानूनों की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और उनके महत्व पर प्रकाश डाला।

शाह ने मोदी के विजन की सरहना की

उन्होंने कहा कि इससे पहले जो कानून लागू थे, वे 160 साल पुराने थे। वे ब्रिटिश शासन के दौरान, उनकी संसद में बनाए गए थे। इनका मुख्य उद्देश्य नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के बजाय ब्रिटिश शासन की सुरक्षा करना था। अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन की सराहना करते हुए कहा कि नए कानून भारत की जनता द्वारा, भारतीय संसद में बनाए गए हैं और इनका उद्देश्य भारतीय नागरिकों को सुरक्षा और न्याय प्रदान करना है।
गृह मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि प्रधानमंत्री मोदी का स्पष्ट निर्देश है कि प्रशासन और कानून व्यवस्था में से गुलामी के सभी प्रतीकों को हटाया जाए। उन्होंने कहा कि नए भारत की सोच को साकार करने के लिए यह जरूरी है कि हमारी न्याय प्रणाली भारतीय मूल्यों और संवेदनाओं को प्रतिबिंबित करे।

आतंकवाद और संगठित अपराध पर सख्त रुख

अमित शाह ने कहा कि अब तक आतंकवाद और संगठित अपराध की कोई स्पष्ट परिभाषा नहीं थी, जिससे अपराधियों को लाभ होता था। उन्होंने कहा कि इन नए कानूनों में पहली बार आतंकवाद की परिभाषा दी गई है, जिससे आतंकवादियों और संगठित अपराधियों पर सख्ती से नकेल कसी जा सकेगी।

देश के नागरिकों के लिए सुरक्षा और न्याय

गृह मंत्री ने बताया कि नए कानून देश की 140 करोड़ जनता की सुरक्षा, सम्मान और संविधान में सुनिश्चित अधिकारों की रक्षा के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करेंगे। उन्होंने कहा कि आज से हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली पूर्णत: भारतीय बन चुकी है। इन कानूनों के जरिए देश के प्रत्येक नागरिक को निष्पक्ष और प्रभावी न्याय मिलने का भरोसा दिया गया है।