पिछले कुछ दिनों में मौसम में थोड़ी राहत के बाद अचानक फिर से स्मॉग का प्रकोप देखने को मिला है। हवा में प्रदूषण की मात्रा में वृद्धि ने इसे और खतरनाक बना दिया है। खासकर ठंड के मौसम में धुंध और स्मॉग के असर से वायु गुणवत्ता खराब होती जा रही है। इस स्थिति का असर न केवल शहरी जीवन पर बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी देखने को मिल रहा है, जहां खेती-किसानी और अन्य गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं।
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग द्वारा किए गए मौसम पूर्वानुमान के अनुसार, अगले 2 दिनों में मौसम में और बदलाव हो सकता है, जिससे वायु गुणवत्ता में और गिरावट आ सकती है। अचानक तापमान में उतार-चढ़ाव और बढ़ी हुई नमी स्मॉग को और बढ़ावा दे सकती है, जिससे स्थानीय निवासियों के लिए स्वास्थ्य संकट पैदा हो सकता है। यह समय खासकर बुजुर्गों और बच्चों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
तापमान में उतार-चढ़ाव का असर वायु गुणवत्ता पर भी पड़ रहा है। रात के तापमान में मामूली वृद्धि के साथ-साथ दिन के तापमान में गिरावट से मौसम में नमी बढ़ रही है, जिससे धुंध और स्मॉग की समस्या और गंभीर हो रही है। हिसार, अंबाला और गुरुग्राम जैसे शहरों में तापमान में गिरावट दर्ज की गई है, जिससे सामान्य जनजीवन प्रभावित हो रहा है। तापमान में इन बदलावों के कारण हवा में नमी और प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है, जिससे वायु गुणवत्ता और खराब हो रही है।
प्रदेश में बढ़ते प्रदूषण और तापमान में उतार-चढ़ाव के बीच यह जरूरी है कि लोग सतर्क रहें और अपनी सुरक्षा का ध्यान रखें। स्वास्थ्य समस्याओं से बचने के लिए मास्क पहनना और घर के अंदर रहना उचित है, खासकर उन इलाकों में जहां स्मॉग की स्थिति गंभीर है। साथ ही, वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए सरकारी स्तर पर कदम उठाए जाने की जरूरत है। अगर यही स्थिति बनी रही तो आने वाले समय में और भी समस्याएं हो सकती हैं, जिसका असर न सिर्फ मानव जीवन पर पड़ेगा बल्कि पर्यावरण के लिए भी खतरा होगा।