A view of the sea

Credit: Pinterst

केवल एक रात के लिए बनती है दुल्हन, अगले ही दिन धारण कर लेती है विधवा को चोला!

तमिलनाडु के विल्लुपुरम जिले के कुनागम गांव में किन्नरों की शादी भगवान अरावन से होती है। यह एक विशेष धार्मिक आयोजन के रूप में मनाई जाती है।

यह समारोह 18 दिनों तक चलता है, जिसमें धार्मिक अनुष्ठानों और परंपराओं का पालन किया जाता है।

17वें दिन किन्नरों को दुल्हन की तरह सजाया जाता है और वे अरावन देव के मंदिर में जाकर मंगलसूत्र पहनती हैं।

18वें दिन अरावन देव की प्रतिमा का जुलूस निकाला जाता है और परंपरा के अनुसार, उनका सांकेतिक रूप से मस्तक काटा जाता है।

बलिदान के बाद, किन्नर खुद को विधवा मानते हैं, चूड़ियां तोड़ते हैं और सफेद साड़ी धारण करते हैं।

यह विवाह केवल एक रात के लिए होता है, जिसे किन्नर भगवान को समर्पित करते हैं।

किन्नरों का मानना है कि इस विवाह से उन्हें भगवान का आशीर्वाद और समाज में सम्मान मिलता है।

इस अनूठी परंपरा के माध्यम से किन्नरों को समाज में एक विशिष्ट स्थान और धार्मिक महत्व मिलता है।

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